एक साल में 10 लाख सोलर पम्प लगाए जाएंगे, किसान मेलों का किया जाएगा आयोजन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि किसानों को कृषि, खाद्य प्र-संस्करण, उद्यानिकी और पशुपालन से संबंधित विभिन्न कार्य पद्धतियों और नए अनुसंधान की जानकारी के लिए सभी संभागों में किसान मेलों का आयोजन किया जाएगा।

साथ ही किसानों को ऊर्जादाता बनने के लिए एक साल में 10 लाख किसानों को सोलर पम्प दिए जाएँगे।

किसानों को खेती किसानी की नई तकनीकों से अवगत कराने के साथ ही उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने, उन्हें खेती में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए सरकार द्वारा किसान मेलों का आयोजन किया जाता है।

इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार राज्य के सभी संभागों में किसान मेलों का आयोजन करेगी।

15 अप्रैल के दिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए यह बात कहीं।

किसान संघ के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी संभागों में इस वर्ष किसान मेले आयोजित होंगे जिसमें किसानों को कृषि, खाद्य प्र-संस्करण, उद्यानिकी और पशुपालन से संबंधित विभिन्न कार्य पद्धतियों और नए अनुसंधान की जानकारी दी जाएगी।

किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक से संबंधित मार्गदर्शन दिया जाएगा। कृषि कार्यों से जुड़े आधुनिक उपकरणों को प्रदर्शित भी किया जाएगा।

आगामी 3 मई को मंदसौर में किसान मेले का आयोजन किया जा रहा है। संभाग स्तरीय किसान मेलों के बाद अक्टूबर माह में एक वृहद राज्य स्तरीय किसान मेला भी आयोजित होगा।

 

10 लाख सोलर पम्प लगाए जाएंगे

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में एक वर्ष में दस लाख सौर ऊर्जा पम्प प्रदान करने का लक्ष्य है।

यह कार्य अभियान के रूप में चलेगा। एक हॉर्स पॉवर से दस हॉर्स पॉवर तक सोलर पम्प स्थापना के लिए किसान को राशि जमा करवाकर निर्धारित अवधि में कनेक्शन दिए जाएंगे। प्रदेश में किसान खुद बिजली बनाएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मजरों टोलों के निवासी जनजातीय वर्ग के लोगों को इस कार्य में प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मनु श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में पिछले तीन दिन में सोलर पम्प स्थापना के लिए लगभग 17 हजार आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

 

किसान संघ से इन विषयों पर हुई चर्चा

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि कृषक प्रतिनिधियों के सुझावों पर राज्य सरकार अमल करेगी।

बैठक में उपस्थित अधिकारियों को प्रदेश में गठित किसान उत्पादक संगठन (FPO) को सक्रिय करने, किसानों द्वारा नरवाई जलाने को निरूत्साहित करने और रासायनिक खाद के उपयोग को कम करने के संबंध में निर्देश दिए।

बैठक में बड़ी परियोजनाओं के लिए किसानों की भूमि लेने पर बदले में भूमि देने के प्रावधान, किसान को हिस्सेदार और मालिक बनाकर उनका हित सुनिश्चित करने, दूध पर बोनस, कम पानी से सिंचाई से मक्का उत्पादन को प्रोत्साहित करने, गौशालाओं के अंतर्गत आधुनिक तकनीक से संचालन, उच्च शिक्षा में कृषि विषय के अध्ययन और जिलों में पर्याप्त पशु चिकित्सकों की व्यवस्था के संबंध में चर्चा हुई।

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