राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मध्य प्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध संघ के मध्य हुए अनुबंध की समीक्षा बैठक में बताया गया कि किसानों को दूध का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से दुग्ध संघों द्वारा दूध खरीदने की दर में वृद्धि की गई है।
किसानों को मिलेगा लाभ
बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड अगले पांच साल में प्रदेश के कम से कम 50 प्रतिशत गांवों में प्राथमिक डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना के लक्ष्य के साथ कार्य कर रहा है।
इससे बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिलेगा। किसानों को दूध का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से दुग्ध संघों द्वारा दूध खरीदने की दर में वृद्धि की गई है।
दुग्ध संकलन, गुणवत्ता नियंत्रण, भंडारण व्यवस्था आदि की विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा की जा रही है। सम्पूर्ण डेयरी वैल्यू चेन के डिजिटलाईजेशन के अंतर्गत ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन सिस्टम का क्रियान्वयन प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बड़ी गौशालाएं विकसित की जा रही हैं। इनके विकास और बेहतर प्रबंधन से भी दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालय भी डेयरी टेक्नोलॉजी और एनिमल हसबेंडरी संबंधी कोर्स संचालित करें।
विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थाओं के तकनीकी विशेषज्ञों को गौशालाओं से जोड़कर उनके मार्गदर्शन और निर्देशन से गौशालाओं के प्रबंधन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
मध्यप्रदेश डेयरी विकास योजना के अंतर्गत डेयरी सहकारी कव्हरेज के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के साथ ही दूध और दूध के उत्पादों के विपणन में सुधार के लिए कोल्ड चैन इन्फ्रास्ट्रक्चर, मिल्क पार्लर स्थापना, ब्राण्ड प्रमोशन, मार्केट स्टडी प्रस्तावित है।
दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए पशुओं के पोषण और स्वास्थ्य के संबंध में विशेषज्ञतापूर्ण गतिविधियां संचालित की जाएंगी।
साथ ही राज्य शासन की किसान कल्याण योजनाओं की डेयरी सहकारी संस्थाओं के समन्वय से क्रियान्वयन के लिए भी पहल होगी।