उद्यानिकी फसलों की ओर किसानों का बढ़ रहा रुझान

किसानों का रुझान

हरी मिर्च, गेंदा फूल, अदरक, टमाटर आदि उद्यानिकी फसल की खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ रहा है।

किसानों का कहना कहना है कि यह फसल एक नकदी फसल के रूप में जानी जाती हैं क्योंकि इसको हर तीन से चार दिन में पौधे से तोड़कर बाजार में बेचते हैं।

फसल में में टपक सिंचाई विधि के साथ मल्चिग सिस्टम को भी अपनाया जा रहा है, जिससे फसल उत्पादन बहुत बढ़ जाता है तथा इनमें मजदूरों की भी बचत होती है।

टपक सिंचाई विधि में पानी की 90 प्रतिशत तक बचत होती है व खरपतवार भी नहीं होते हैं। जिस पौधे में पानी देना होता है इस पौधे में में ही ही।

सिंचाई होती है, खाली जगह में पानी व्यर्थ नहीं बहता है तथा मल्चिग सिस्टम से तापमान के उतार चढ़व का प्रभाव फसलों पर नहीं पड़ता है।

बारिश में अति वर्षा से फसल भी खराब नहीं होती है।

 

हमेशा एक जैसी फसल नहीं बोना चाहिए

उद्यानिकी फसल किसानों को लाभ ही देती है। वर्षा ऋतु में में बोई गई – मिर्च, टमाटर, गेंदा आदि फसले नकदी फसल के रूप में जानी जाती है इनके प्रति किसानों का रुझान भी बढ़ रहा है। जो अच्छी बात है। किसानों को हमेशा एक जैसी फसल भी नहीं बोना चाहिए।

सकाराम मुजाल्दा, वरिष्ठ उद्यानिकी विकास अधिकारी, सरदारपुर

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