1 से 7 जुलाई तक मनाया जाएगा फसल बीमा सप्ताह

किसान इस प्रकार करें रजिस्ट्रेशन

1 से 7 जुलाई 2025 तक फसल बीमा सप्ताह मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को कम प्रीमियम पर बीमा का लाभ पहुँचेगा।

खरीफ फसल 2025 के लिए बीमा पंजीयन कराना अनिवार्य है। यह योजना प्राकृतिक आपदाओं से फसल सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता का माध्यम है।

देशभर के किसानों के लिए फसलो के नुकसान होने पर राहत और सुरक्षा की खबर है.

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा मानाने जा रहा है जुलाई से 7 जुलाई 2025 तक ‘फसल बीमा सप्ताह’.

इसके माध्यम से किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत फसल बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे फसल बीमा योजना से जुड़ें और अपनी मेहनत की फसलों के नुकसान होने पर बिमा राशी प्राप्त करें.

यह योजना किसानों की आर्थिक मजबूती और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है.

 

बीमा पंजीयन करना अनिवार्य

सरकार ने किसानों से अपील की है कि खरीफ 2025 के मौसम को देखते हुए वे समय रहते अपनी फसलों का बीमा जरूर करवाएं.

बीमा पंजीयन करने की प्रक्रिया जुलाई 2025 से शुरू होगी.

इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट प्रकोप और मौसम के असामान्य बदलावों से होने वाले फसल नुकसान का मुआवजा मिलता है.

 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है ?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत वर्ष 2016 में की गई थी, जिसका उद्देश्य किसानों को फसल नुकसान से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है.

इस योजना के तहत न्यूनतम प्रीमियम दरों पर बीमा की सुविधा दी जाती है:

  • खरीफ फसलों के लिए 2% प्रीमियम
  • रबी फसलों के लिए 1.5% प्रीमियम
  • वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम

बाकि की बीमा राशि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर भरते हैं.

 

PM फसल बिमा योजना के लाभ
  • प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा
  • कम प्रीमियम में व्यापक बीमा कवरेज
  • फसल नुकसान की स्थिति में सीधा मुआवजा
  • किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार

 

फसल बीमा पंजीयन कैसे कराएं ?

किसान अपने नजदीकी CSC (कॉमन सर्विस सेंटर), बैंक शाखा या कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर पंजीयन करा सकते हैं.

इसके अलावा ऑनलाइन पोर्टल pmfby.gov.in के माध्यम से भी बीमा आवेदन या पंजीकरण किया जा सकता है.

किसानों को इन दामों पर मिलेगी यूरिया, डीएपी, एनपीके सहित अन्य खाद