समर्थन मूल्य 2275 रुपए क्विंटल के दाम गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन शुरू हो गए है।
इस बीच नई फसल आने के पहले ही मंडी में गेहूं के दाम 3300 रुपए क्विंटल के पार हो गए हैं।
आवक कम होने और उस पर लग्नसरा के कारण खपत बढ़ने से भाव में तेजी आना बताई जा रही है।
सरकार ने व्यापारियों के लिए स्टॉक लिमिट तय कर रखी है
इसका असर मार्च में शुरू होने वाली सरकारी खरीदी पर भी पड़ेगा।
क्योंकि पिछले साल भी अधिकांश किसानों ने सरकार की बजाय मंडी में गेहूं बेचा था।
जिससे सरकारी खरीदी का लक्ष्य कम किया गया था। मंडी में अचानक से गेहूं की आवक कम होने से किसानों को 3300-3382 रुपए तक के दाम मिल रहे हैं।
यह ऊंचे सौदे पिछले एक सप्ताह से किए जा रहे हैं। क्योंकि मंडी में अभी नया गेहूं आया नहीं है और व्यापारियों पर भी स्टॉक लिमिट तय करने से स्टॉक नहीं है।
ऐसे में आवक कम होकर मांग बढ़ने से व्यापारी ऊंचे दाम पर खरीदी कर रहे हैं।
व्यापारियों की खासकर डिमांड पुना और लोकवन किस्म के गेहूं की है।
ऐसे में तेजस किस्म का गेहूं समर्थन मूल्य पर बिकने पहुंचेगा। व्यापारियों की मानें तो किसानों के पास गेहूं नहीं है, वहीं सरकार ने भी व्यापारियों के लिए स्टॉक लिमिट तय कर रखी है।
मांग बढ़ते ही किल्लत आने की वजह से भाव बढ़े हैं। अभी लेवाल बढ़ेंगे, जिससे नया गेहूं आते ही दाम में भी 100-200 रुपए का इजाफा होगा।
हालांकि इससे कम भाव होना फिलहाल मुश्किल है। फिलहाल मंडी में सभी जिंसों की आवक 9 हजार बोरी से ज्यादा की हो रही है।
पिछले साल की बात की जाए तो समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने पंजीयन कराने वाले 31307 किसानों में से महज आधे ही किसानों ने शासन को दो लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा था।
source:-dainikbhaskar
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