किसानों को गेहूं का भुगतान
गेहूं बेचने वाले किसानों के भुगतान असफल होने की समस्या के लिए भुगतान की प्रक्रिया में संशोधन किया गया है।
जिसके अनुसार पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड प्रविष्टि कराने की अनिवार्यतः समाप्त कर दी गई है।
अब किसानों को उपार्जित फसल का भुगतान उनके आधार नंबर से लिंक खाते में सीधे प्राप्त होगा।
नवीन पंजीयन व्यवस्था में बेहतर सेवा प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है कि किसान अपने आधार नंबर से बैंक खाता और मोबाईल नंबर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखें।
किसान अपने आधार से अपना मोबाईल नंबर अपडेट कराने के लिए जिला स्तर और तहसील में संचालित आधार पंजीयन केंद्रों एवं पोस्ट ऑफिस में संचालित आधार सुविधा केंद्र का उपयोग कर सकते है।
आधार नंबर से बैंक खाता लिंक कराने के लिए समस्त बैंकों को निर्देश की समस्या के लिए भुगतान की जारी किए गए हैं जिससे किसान प्रक्रिया में संशोधन किया गया है।
अपना बैंक खाता आधार नंबर से जिसके अनुसार पंजीयन के समय लिंक करा सकते हैं।
आधार नंबर का वेरीफिकेशन अनिवार्य
आधार का सत्यापन अनिवार्यः पंजीयन कराने एवं फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरीफिकेशन अनिवार्य होगा।
वेरीफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी से या बायोमीट्रिक डिवाइस से किया जा सकेगा।
किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति से हो सकेगा जबकि भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा।
भू अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा।
सत्यापन की स्थिति में ही उक्त पंजीयन मान्य होगा किसान उपार्जन केंद्र में जाकर फसल बेचने के लिए अपने परिवार के किसी सदस्य (पिता, भाई, पति, पुत्र आदि) को नामित कर सकेंगे।
नामित व्यक्ति का भी आधार वेरीफिकेशन कराया जाएगा। उपार्जन केंद्र पर आधार के बायोमेट्रिक सत्यापन के उपरांत ही नामित व्यक्ति फसल का विक्रय कर सकेंगे।
सिकमी, बटाइदार, वन पट्टाधारियों की प्रक्रिया
जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि उक्त श्रेणी के किसानों का पंजीयन समिति, एसएचजी, एफपीओ, एफपीसी द्वारा संचालित पंजीयन केंद्र में किया जाएगा।
पंजीयन केंद्र पर किसान को आधार संबंधी दस्तावेज, आधार नंबर से पंजीकृत मोबाइल नंबर हो तथा सिकमी नामे की प्रति साथ में लाना होगा।
वन पट्टाधारी किसान के पंजीयन में बने पट्टा क्रमांक, खसरा, रकबे एवं बोई गई फसल द्य की प्रविष्टि की जाएगी।
गिरदावरी में दर्ज भूमि पर दावा-आपत्ति
रकबे, बोई गई फसल एवं फसल की किस्म से संतुष्ट न होने पर पंजीयन के पूर्व किसान द्वारा भूमि में बोई गई फसल एवं फसल की किस्म में संशोधन के लिए गिरदावरी में दावा आपत्ति करना होगा।
किसान गिरदावरी में दर्ज भूमि के रकबे, बोई गई फसल एवं फसल की किस्मों में किसी प्रकार का संशोधन किए जाने पर किसान पंजीयन में तदानुसार स्वतः संशोधन हो जाएगा, जिसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से संबंधित किसान को एनआइसी द्वारा प्रेषित की जाएगी।
ऐसे होगा पंजीयन
रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए किसान पंजीयन 5 फरवरी से प्रारंभ हो गया है जो आगामी पांच मार्च 2022 तक किया जाएगा।
गेहूं उपार्जन की संभावित अवधि 25 मार्च से 15 मई 2022 है। किसानों की सुविधा के लिए पंजीयन एवं उपार्जन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।
इस संबंध में जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उपार्जन के लिए किसानों के पंजीयन के लिए पांच प्रकार की व्यवस्थाएं बनाई गई हैं।
किसान निर्धारित लिंक पर जाकर स्वयं के मोबाइल अथवा कम्प्यूटर से निश्शुल्क पंजीयन कर सकता है।
साथ ही वह ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्रों में भी निःशुल्क पंजीयन करा सकता है।
इसी प्रकार पूर्व वर्ष की भांति सहकारी समिति, स्व-सहायता समूह, एफ्मीओ एवं एफ्मीसी द्वारा संचालित पंजीयन केंद्रों में भी वह अपना निःशुल्क पंजीयन करा सकता है।
एमपी आनलाइन, कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर, लोकसेवा केंद्र एवं निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साईबर कैफे पर 50 रुपये की शुल्क देकर अपना पंजीयन करा सकता है।
नहीं आएगा एसएमएस
जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि पूर्व प्रक्रिया में किसान को फसल बेचने के लिए एसएमएस प्राप्त करना होता था।
परिवर्तित व्यवस्था में फसल बेचने के लिए एसएमएस प्राप्ति की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।
अब किसान फसल बेचने के लिए निर्धारित पोर्टल से नजदीक के उपार्जन केंद्र, तिथि और टाईम स्लॉट का स्वयं चयन कर सकेंगे।
रबी विपणन वर्ष 2022-23 में फसल बेचने के लिए उपार्जन केंद्र, तिथि एवं टाईम स्लॉट का चयन 7 मार्च से 20 मार्च 2022 तक निर्धारित उपार्जन केंद्रों पर प्रातः 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक एवं ग्राम पंचायत जनपद पंचायत, तहसील कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्रों पर कार्य दिवस में कार्यालयीन समय पर किया जा सकता है।
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