किसानों के लिए बड़ा फैसला
किसानों को पैक्स से खाद-बीज प्राप्त करने के लिए पैक्स का सदस्य होना जरूरी होता है.
लेकिन, अब इस बाध्यता को खत्म कर दिया गया है.
अब पैक्स संस्था में नगद में भी उर्वरक एवं बीज की बिक्री होगी.
इससे ऋणी कृषक और जो पैक्स के सदस्य नहीं हैं, वे भी सेवा ले पाएंगे.
उर्वरक प्राप्त कर सकेंगे
किसानों को पैक्स से खाद-बीज प्राप्त करने के लिये पैक्स का सदस्य होना भी जरूरी रहा है।
किसानों के हित में निर्णय लिया गया है कि पैक्स संस्था में नगद में भी उर्वरक एवं बीज विक्रय करेंगी।
इससे कालातीत ऋणी कृषक और जो पैक्स के सदस्य नहीं हैं, वे कृषक भी पैक्स से उर्वरक प्राप्त कर सकेंगे।
सहकारिता मंत्री डॉ. भदौरिया ने बताया कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के पूर्व के बकाया ऋण को अदा नहीं करने से कृषक कालातीत ऋणी हो गये।
कालातीत ऋणी कृषकों को पैक्स से ऋण और खाद-बीज मिलने की पात्रता भी नहीं रहती है।
साथ ही अभी तक पैक्स को नगद में खाद-बीज विक्रय पर रोक रही है।
25 टन उर्वरक दिया जायेगा
उर्वरक का भण्डारण करने में आर्थिक रूप से कमजोर पैक्स को क्रेडिट पर 25 टन उर्वरक देने के निर्देश विपणन संघ को दिये गये हैं, जिससे कि आर्थिक रूप से कमजोर पैक्स कृषकों को उर्वरक देने में सक्षम हो सके।
ऐसी प्रत्येक पैक्स को विपणन संघ द्वारा क्रेडिट पर 25 टन उर्वरक दिया जायेगा।
यह पैक्स 25 टन उर्वरक के विक्रय से प्राप्त राशि से पुन: उर्वरक का क्रय करेंगी और किसानों को निर्बाध रूप से उर्वरक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगी।
नगद राशि में उर्वरक उपलब्ध कराया जायेगा
कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि ऋणी, अऋणी और डिफॉल्टर सभी किसानों को नगद राशि में सोसायटियों से यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जायेगी।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में सहकारिता मंत्री श्री अरविंद भदौरिया की उपस्थिति में अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये है।
उन्होंने कहा कि जिन किसानों के खाते सहकारी बैंक में नहीं है या जो किसान सहकारी समितियों के सदस्य नहीं है, उन्हें भी नगद राशि से यूरिया उपलब्ध कराया जायेगा।
खाद के लिए मचा था हाहाकार
पिछले रबी सीजन में जिन सूबों में खाद के लिए हाहाकार मचा था उनमें मध्य प्रदेश भी एक था.
यहां के भिंड, डिंडौरी, दतिया और ग्वालियर सहित कई जिलों में खाद के लिए किसानों को लंबी लाइन लगानी पड़ी थी.
कई जिलों में रात-रात भर लाइन में लगने के बाद किसानों को यूरिया और डीएपी की एक बोरी नसीब हुई थी.
इससे मध्य प्रदेश सरकार की खूब फजीहत हुई थी.
ऐसी स्थिति इस सीजन में न आए इसे लेकर सरकार पहले से ही सतर्क है और पैक्स से खाद मिलने के नियमों में किसानों को राहत दी गई है.
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