जानें किस तरह बड़ा सकते है चने का उत्पादन/पैदावार

चने का उत्पादन बढ़ाने के लिए हर किसान को अपनाना चाहिए यह खास टिप्स

 

सुझाए गए 7 टिप्स

चने की फसल लगभग 30 से 40 दिन की हो गई है। वही अब बंपर पैदावार के लिए फसल की देखभाल जरूरी है।

हम आपको यहां चौपाल समाचार के इस आर्टिकल के माध्यम से कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए 7 टिप्स के बारे में बताने जा रहे है।

 

कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए 7 टिप्स

  • चने की फसल का ऊंचे बिस्तर रोपण प्रणाली के तहत ज्यामिति (30×10 सेमी) रोपण करने से उपज का अंतर कम हो जाता है और अधिकतम उपज प्राप्त होती है।
  • चने की फसल का जैव उर्वरक (राइजोबियम, फॉस्फेट घुलनशील बैक्टीरिया और पौधों के विकास को बढ़ावा देने वाले राइजोबैक्टीरिया) के साथ बीज उपचार के माध्यम से पोषक तत्व प्रबंधन करना चाहिए।
  • बोरान और मोलिब्डेनम की कमी से निपटने के लिए मृदा उपचार/पर्णीय स्प्रे बेहतर फसल के लिए गांठ और प्रारंभिक शक्ति को बढ़ाता है।
  • फसल उगने के बाद खरपतवारनाशी टोप्रामेज़ोन और इमाज़ेथापायर के साथ खरपतवार प्रबंधन करें।
  • पीआर फूल (pr flowering) और फली के विकास के चरण में दो बार 0.5% जिंक सल्फेट (ZnSO4) और 0.5% आयरन सल्फेट (FeSO4) का पर्ण अनुप्रयोग से चने की बीज उपज के साथ-साथ बीज में आयरन और जिंक की एकाग्रता को बढ़ाने में प्रभावी पाया गया।
  • फूल लगने और फली बनने के समय हाइड्रोजेल 5.0 किग्रा/हेक्टेयर और नाइट्रोजन, फास्फोरस और पाटेशियम (19:19:19) @ 0.5% का पत्तियों पर प्रयोग मिट्टी की नमी के तनाव को कम करने में प्रभावी पाया गया।
  • यह देखा गया है कि ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई जैसी सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियाँ वर्टिसोल (काली मिट्टी) के तहत उत्पादकता बढ़ा रही हैं।

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