खराब हुई सोयाबीन की फसल के लिए किसानों को मिलेगा मुआवजा

अधिक बारिश, सूखे और कीट रोग

मुख्यमंत्री ने शाजापुर और रतलाम जिलों का दौरा कर विभिन्न कारणों से खराब हुई सोयाबीन की फसल का जायजा लिया।

उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि, सूखे एवं कीट-रोग से जहाँ भी फसलों को नुकसान हुआ है, वहाँ हर खेत का सर्वे कर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

इस वर्ष मानसून सीजन में जहां कई जिलों में अत्यधिक वर्षा के चलते बाढ़ एवं जल भराव से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है तो वहीं कई स्थानों पर कम वर्षा से फसलें खराब हुई है।

जिसको देखते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 11 और 12 सितंबर के दिन शाजापुर एवं रतलाम जिलों का दौरा कर विभिन्न कारणों से खराब हुई सोयाबीन की फसल के अवलोकन किया।

उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि, सूखे एवं कीट-रोग से जहाँ भी फसलों को नुकसान हुआ है, वहाँ हर खेत का सर्वे कर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने रतलाम जिले की सैलाना तहसील के करिया गाँव में अतिवृष्टि एवं पीला मोजेक से प्रभावित फसलों एवं शाजापुर जिले की पोलायकलां तहसील के ग्राम खड़ी में विभिन्न कारणों से खराब हुई सोयाबीन की फसल जायजा लिया।

इस अवसर पर उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार किसानों के साथ है और हम किसानों को किसी तरह का नुकसान नहीं होने देंगे।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को खराब हुई सोयाबीन की फसल का सर्वे कराने के निर्देश दिये।

 

किसानों को दिया जाएगा मुआवजा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खेतों के अवलोकन के बाद किसान चौपाल में कहा कि अतिवृष्टि, बारिश कम होने एवं कीट प्रकोप के कारण जहां-जहां भी सोयाबीन की फसल को नुकसान हुआ है, उसका पूरा सर्वे कराया जायेगा, किसानों को नुकसान नहीं होने देंगे।

किसानों को अधिकतम लाभ दिया जाएगा और हर खेत का सर्वे कर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने शाजापुर कलेक्टर को निर्देश दिए कि जिन किसानों को पिछले वर्षों की बीमा राशि प्राप्त नहीं हुई है, उनके प्रकरणों का निराकरण कराएं।

आने वाले समय में शाजापुर जिले के किसानों को नर्मदा-पार्वती-चंबल-कालीसिंध लिंक परियोजना से पानी उपलब्ध कराया जायेगा। इससे गरीब किसानों के जीवन में बदलाव आएगा।

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