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कपास की खेती के लिए अपनाएं यह तकनीक, होगी अच्छी कमाई

कपास के बेहतर उत्पादन के लिए हाई डेंसिटी प्लानट‍िंग स‍िस्टम का उपयोग किया जाता है.

आइये आपको इस तकनीक की पूरी जानकारी देते हैं.

 

कपास की खेती

इस बदलते वैज्ञानकि युग में खेती में भी बदलाव आ रहा है. किसान अब परंपरागत खेती छोड़ नई पद्धतियों को अपनाने में लग गए हैं.

ऐसे में ही कपास की खेती के लिए नई तकनीक हाई डेंसिटी प्लानट‍िंग स‍िस्टम (एचडीपीएस) का इस्तेमाल कर किसान अपनी उपज बढ़ाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं.

आइये आज हम आपको इस तकनीक के बारे में बताते हैं.

 

एचडीपीएस क्या है

कपास की फसल को लेकर उत्पादन के लिए इस नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.

इस तकनीक की मदद से एक एकड़ जमीन में तीन एकड़ जितना कपास उगाया जा सकता है.

परंपरागत खेती की तुलना में खेत की जुताई 3 से 4 बार की जगह एक ही बार करनी होती है.

पारंपरिक कपास के मुक़ाबले एचडीपीएस से एक तुड़ाई में ही उतना ही उत्पादन ल‍िया जा सकता है.

इस तकनीक में एक एकड़ के खेत में सात से आठ हजार पौधों के मुकाबले 20 से 25 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं.

 

एचडीपीएस के फायदे

कपास का उत्पादन बढ़ाने की द‍िशा में किया गया यह एक बहुत ही अच्छा कदम है.

तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय ने कपास का उत्पादन बढ़ाने के ल‍िए इस तकनीक को व‍िकस‍ित किया है.

इस तकनीक के माध्यम से किसान 30 से 50% तक ज्यादा कपास का उत्पादन कर सकेंगे.

यह तकनीक पारंपरिक तरीके से बिल्कुल ही अगाह होती है.

तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय (पीजेटीएसएयू) ने बताया कि राज्य के कुल 26 जिलों में लगभग 3,642 हेक्टेयर किसानों के खेतों में एचडीपीएस तकनीक का इस्तेमाल किया है और उनका यह प्रयोग सफल रहा है.

 

एचडीपीएस की चुनौतियां

एचडीपीएस तकनीक का इस्तेमाल बहुत ही महंगा होता है.

किसानों को इसके लिए एक एकड़ की जमीन में अधिक पौधे उगाने के लिए 5 से 6 पैकेट का इस्तेमाल करना पड़ता है.

यह तकनीक केवल शिक्षित किसानों तक ही पहुंच पाती है, देश के ज्यादातर किसानों को तकनीक की समझ नहीं है.

ऐसे में इसे लोगों तक पहुंचानी भी एक काफी बड़ी चनौती है.

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