कृषि विभाग ने जारी की सलाह
जड़ माहू कीट पौधों की जड़ों से रस चूसकर पौधे को कमजोर करता है जिससे पौधा पीला होकर सूख जाता है।
कृषि विभाग ने गेहूं की फसल में जड़ माहू कीट के नियंत्रण के लिए सलाह जारी की है।
गेहूं रबी सीजन की सबसे प्रमु
ख फसल है, ऐसे में किसान गेहूं की फसल से अधिकतम पैदावार ले सके इसके लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए निरंतर सलाह जारी की जा रही है।
इस कड़ी में कृषि विभाग, रायसेन द्वारा गेहूं की फसल में जड़ माहू कीट के प्रकोप के नियंत्रण हेतु किसानों को सलाह दी गई है।
कृषि विभाग के मुताबिक जड़ माहू नामक कीट गेहूँ की फसल की जड़ों पर कॉलोनी बनाकर पौधे का रस चूसता है।
यह कीट मिट्टी की सतह के नीचे पाया जाता है, इसलिए इसकी पहचान करना कठिन होता है। यह पौधों की प्रारंभिक वृद्धि पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
यह कीट जड़ों से रस चूसकर पौधे को कमजोर करता है जिससे पौधा पीला होकर सूख जाता है।
किसान इस तरह करें जड़ माहू कीट का नियंत्रण
कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि यदि गेहूं की फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप कम है, तो किसान प्रभावित पौधों को जड़ सहित निकालकर नष्ट कर सकते हैं।
वहीं यदि फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप अधिक हो तो किसान निम्न कीटनाशकों का उपयोग पानी में घोल बनाकर गेहूं की फसल में छिड़काव कर सकते हैं।
- इमिडाक्लोप्रिड 375-500 मिली/हेक्टेयर की दर से, अथवा
- थियामेथोक्सम 450-500 मिली/हेक्टेयर की दर से।
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