पारंपरिक खेती छोड़ युवा किसानों ने अपनाई मौसमी सब्जियों की खेती
खेती के तरीकों में अब काफी बदलाव आ गया है। खासकर युवा किसान खेती में ज्यादा प्रयोग कर रहे हैं और सफलता भी मिल रही है।
खासकर युवा किसान टमाटर, गोभी, ककड़ी, शिमला आदि सब्जियों की पारंपरिक खेती के साथी ही मौसमी सब्जियां भी उपजा रहे हैं और मुनाफा भी पा रहे हैं।
खासकर स्ट्रॉबेरी की खेती की ओर इन किसानों का रुझान बढ़ा है।
अनंतपुरा निवासी विष्णु शर्मा ने सेना की नौकरी छोड़ी तो सीधा अपने खेत का रुख किया।
पारंपरिक खेती में लगने वाली ज्यादा मेहनत और लागत को देखते हुए उन्हें इसे बदलने का फैसला लिया। उन्होंने एक एकड़ खेत को तैयार किया और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर काम शुरू किया।
विष्णु का कहना है, पिछले 5 सालों से यह काम कर रहे है और अच्छा मुनाफा मिल रहा है।
आधा एकड़ में स्ट्रॉबेरी
विष्णु ने बताया, पिछले साल कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की मदद से अपने खेत की एक क्यारी में स्ट्रॉबेरी का परिक्षण किया था।
यह सफल रहा और शानदार पैदावार हुई। इस बार आधा एकड़ में तैयारी कर रहे है। साथ ही खेत में आकर्षक सजावट वालो पौधों और फलों के पौधों को भी तैयार कर रहे है।
समय से पहले पैदावार
विष्णु शर्मा बताते हैं, नेट हाउस की मदद से हर मौसम में सब्जी को लगभग एक माह पूर्व बाजार में भेजने के हिसाब से तैयारी करते हैं। इससे अच्छी कीमत मिलती है।
उन्होंने कहा, इस समय मिर्ची और टमाटर टूट रही है, तो गोभी बाजार में भेजने की तैयारी है। इससे गोभी के दाम अच्छे मिलेंगे।
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