बढ़ती हुई ठंड को देखते हुए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के द्वारा मक्का की खेती करने वाले किसानों के लिए विशेष सलाह जारी की गई है।
कृषि विश्वविद्यालय के मुताबिक अगेती मक्का फसल जो अभी पुष्पन की अवस्था में पहुँच रही है, किंतु गिरते तापमान के कारण फसल में परागकण एवं निषेचन में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
कम तापमान के कारण मक्का की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव जैसे- पत्ते का पीला या बैंगनी होना, असामान्य वृद्धि होना, आदि हो सकते हैं।
कृषि विश्वविद्यालय के मुताबिक आगामी दिनों में 10 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान रहने के कारण परागकण अवस्था में निषेचन की क्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है जिससे दाना बनने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
मक्का किसानों के लिए सलाह
कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने कम तापमान से प्रतिकूल प्रभाव से मक्का फसल को बचाने के लिए निम्न सलाह दी है:-
- मक्का की फसल में हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी का तापमान स्थिर रहे, लेकिन जल जमाव से बचें।
- हल्की सिंचाई के बाद एन.पी.के. (19:19:19) + मैग्नीशियम सल्फेट (1.5 किलोग्राम/ एकड़) उपरिवेशन करें और यदि फसल धनबाल निकलने की अवस्था में हैं तो 30 किलोग्राम यूरिया, 10 किलोग्राम सल्फर का प्रयोग करना चाहिए।
- पोटाश उर्वरक (10 किलोग्राम/ एकड़) का प्रयोग करें।
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