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गेंहू एवं जौ के लिए बेहद खतरनाक है चेपा किट जानें इसके लक्षण एवं समाधान

बदलते मौसम के कारण गेंहू की फसल में चेपा (अल) किट (Chepa Kit in Wheat Crop) से परेशान हुए किसान, बढ़वार रुकेगी, कीट नियंत्रण के समाधान जानें..

गेंहू एवं जौ के लिए बेहद खतरनाक है चेपा किट

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, चेपा किट रबी फसलों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

गेहूं व जौ में चेपा का आक्रमण अधिक देखा गया है। चेपा फसल को पूरी तरह से नष्ट कर सकता है।

ऐसे में इसके बचाव के लिए हरियाणा कृषि विभाग के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर जरूरी सलाह जारी की गई है।

हरियाणा कृषि विभाग के द्वारा जारी की गई सूचना के मुताबिक, चेपा गेहूं व जौ की फसलों में कीट के बच्चे व प्रौढ़ पत्तों से रस चूसकर पौधों को कमजोर कर देते हैं।

 

क्या है चेपा (अल) किट

चेपा एक तरह का कीट होता है, जो गेहूं व जौ की फसल पर सीधे तौर पर आक्रमण करता है।

अगर यह कीट एक बार पौधे में लग जाता है, तो यह पौधे के रस को धीरे-धीरे चूसकर उसे बहुत ही कमजोर कर देता है, जिसके चलते पौधा का सही से विकास नहीं हो पाता है।

देखा जाए तो चेपा कीट फसल में नवंबर से फरवरी महीने के बीच में अधिकतर देखने को मिलता है।

यह कीट सबसे पहले फसल के सबसे कोमल व कमजोर हिस्सों को अपनी चपेट में लेता है और फिर धीरे-धीरे पूरी फसल में फैल जाता है।

चेपा कीट मच्छर की तरह दिखाई देता है, यह दिखने में पीले, भीरे या फिर काले रंग के कीड़े की तरह होत है।

 

गेहूं व जौ की फसलों में चेपा (अल) का आक्रमण होने पर इस कीट के बच्चे व प्रौढ़ पत्तों से रस चूसकर पौधों को कमजोर कर देते हैं।

इसके नियंत्रण के लिए 500 मि.ली. मैलाथियान 50 ई. सी. को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ फसल पर छिड़काव करें।

किसान चाहे तो इस कीट से अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग के अधिकारियों से भी संपर्क कर सकते हैं।

 

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