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फसल नुकसान का आंकलन कर जल्द दिया जायेगा मुआवजा

 

बेमौसम बारिश से फसल नुकसान की भरपाई

 

अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में देश के अलग–अलग राज्यों में बेमौसम तेज बारिश हुई थी|

जिसके कारण खरीफ की कटी एवं खड़ी फसलों के आलावा रबी की बोई गई फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है|

राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बेमौसमी बारिश से फसलों को हुए नुकसान पर किसानों को राहत देने के लिए तुरंत प्रभाव से विशेष गिरदावरी कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जिला कलेक्टर फसलों में हुए नुकसान का जल्द आंकलन कराएं, जिसके आधार पर प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की कार्यवाही की जा सके।

 

इन जिलों में हुई है फसल क्षति

बैठक में कृषि विभाग की ओर से बताया गया कि 16 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के दौरान राज्य के कई जिलों में बेमौसमी बरसात से खरीफ की सोयाबीन, धान, मूंग, बाजरा एवं उड़द की फसलों को नुकसान पहुंचने की सूचना प्राप्त हुई है।

इसी प्रकार जिन खेतों में रबी की सरसों एवं चने की बुआई हो गई थी, उनमें भी बीज नष्ट होने के कारण किसानों को दुबारा बुआई करनी पड़ेगी।

विशेषकर पूर्वी राजस्थान के कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, अलवर, टोंक, दौसा आदि जिलों में फसलों में नुकसान की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है।

 

जुलाई में हुए फसल नुकसान का जल्द दिया जायेगा मुआवजा

इस वर्ष जुलाई में हुई अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी कराई गई थी।

जिसकी रिपोर्ट के आधार पर 7 जिलों-बारां, बूंदी, धौलपुर, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर एवं टोंक के 3704 गांवों में 6 लाख 79 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत एवं इससे अधिक खराबे का आकलन किया गया है।

जिसके आधार पर करीब 12 लाख 11 हजार प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान वितरित किए जाने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है।

इसके तहत अधिकतम 2 हैक्टेयर तक के मुआवजे का प्रावधान है।

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