एमपी में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद, 12 जिलों के किसानों को मिलेगा मुआवजा मध्य प्रदेश में इस समय रबी फसलों की कटाई का कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन हाल ही में हुई बेमौसम बारिश, आंधी और ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
राज्य के 12 जिलों में 2,194 हेक्टेयर में लगी फसल को भारी नुकसान हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने की तैयारी शुरू कर दी है।
प्रभावित किसानों को फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही, प्रशासन द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे भी किया जा रहा है, जिससे किसानों को समय पर सहायता मिल सके।
जाने किन जिलों में हुई फसलों की बर्बादी
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शहडोल, सिंगरौली, उमरिया, मैहर, सागर, अनूपपुर, दमोह, जबलपुर, पन्ना, सिवनी, कटनी और डिंडौरी शामिल हैं।
इन जिलों में 29 तहसीलों के 275 गांवों में करीब 2,160 किसानों की फसलें नष्ट हो गई हैं।
इसके अलावा, इस प्राकृतिक आपदा में 5 लोगों की मृत्यु हो गई, 16 पशुओं की जान चली गई और 2 मकानों को भी नुकसान पहुंचा है।
इन जिलों में चल रहा है सर्वेक्षण का कार्य
राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों में तत्काल सर्वेक्षण कार्य शुरू कर दिया है। इन जिलों में सर्वेक्षण कार्य जारी है
- सिंगरौली: 3 तहसील, 50 गांव
- मैहर: 1 तहसील, 15 गांव
- शहडोल: 4 तहसील, 34 गांव
- अनूपपुर: 2 तहसील, 2 गांव
- उमरिया: 2 तहसील, 7 गांव
- दमोह: 6 तहसील, 105 गांव
- पन्ना: 2 तहसील, 2 गांव
- जबलपुर: 1 तहसील, 2 गांव
- कटनी: 2 तहसील
- सिवनी: 1 तहसील, 10 गांव
- डिंडौरी: 3 तहसील, 20 गांव
सागर: 2 तहसील, 2 गांव (जहां 1 व्यक्ति की मृत्यु और 2 पशु हानि हुई)
किसानों को मिलेगा फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा
राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा देने की घोषणा की है। यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई के लिए शुरू की गई थी।
जाने किन स्थितियों में मिलेगा बीमा क्लेम :
पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत मुआवजा उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनकी फसल का नुकसान 33% या उससे अधिक हुआ हो।
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फसल बीमा योजना के तहत किन-किन आपदाओं में मुआवजा मिलता है?
- ओलावृष्टि
- आंधी-तूफान
- बाढ़ या अतिवृष्टि
- कीट और रोग
- भूस्खलन
- सूखा
कैसे करें बीमा क्लेम के लिए आवेदन
जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है, वे नीचे दिए तरीकों से मुआवजे के लिए आवेदन कर सकते हैं:
- कृषि हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें: किसान अपनी फसल क्षति की सूचना 14447 हेल्पलाइन नंबर पर देकर मुआवजा क्लेम कर सकते हैं।
- बीमा कंपनी से संपर्क करें: किसान अपनी बीमा कंपनी से भी संपर्क कर सकते हैं।
- 72 घंटे के भीतर सूचना दें: किसानों को अपनी क्षतिग्रस्त फसल की जानकारी 72 घंटे के अंदर देना अनिवार्य है।
- कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचित करें: किसान अपने नजदीकी कृषि अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं और आवश्यक दस्तावेज जमा कर सकते हैं।
अब तक कितना मुआवजा दिया जा चुका
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान विभिन्न आपदाओं के लिए 643.92 करोड़ रुपए का मुआवजा वितरित किया है।
इसमें विभिन्न आपदाओं राशि दी गई:
- ओलावृष्टि से क्षति पर: 216.44 करोड़ रुपए
- बाढ़ या अतिवृष्टि से क्षति पर: 104.04 करोड़ रुपए
- अग्नि पीड़ितों को: 16.02 करोड़ रुपए
- सर्पदंश से मृत्यु पर: 98.51 करोड़ रुपए
- पाला से क्षति पर: 0.13 करोड़ रुपए
- कीट प्रकोप से फसल क्षति पर: 13.13 करोड़ रुपए
- वन्य प्राणियों द्वारा फसल क्षति पर: 2.18 करोड़ रुपए
- अन्य मदों में: 154.51 करोड़ रुपए
सरकार किसानों के साथ, राहत कार्य जारी
मध्य प्रदेश सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जाएगी। किसानों को सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर फसल बीमा योजना के तहत उचित मुआवजा दिया जाएगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर ज्यादा प्रभाव न पड़े।
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से मध्य प्रदेश के किसानों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार की ओर से राहत देने के लिए तत्परता दिखाई जा रही है।
प्रभावित किसान तुरंत अपनी क्षति की रिपोर्ट दर्ज कराएं और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाएं। सरकार का उद्देश्य किसानों को जल्द से जल्द राहत देना और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना है।
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