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गेहूं की इन पांच उन्नत किस्मों की करें पछेती बुवाई

अक्सर कहा जाता है कि किसान अगर गेहूं की पछेती बुवाई करते हैं, तो इसे उन्हें कुछ खास पैदावार प्राप्त नहीं होती है.

लेकिन वहीं इस दौरान गेहूं की सही किस्मों का चयन किया जाए, तो किसान अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

ऐसी ही गेहूं पांच उन्नत किस्मों की जानकारी आज हम आपके लिए लेकर आए हैं,

जिनके नाम नरेन्द्र गेहूं 1076, राज 3765, हिम पालम गेहूं 3, यूपी 2338 और एचडी 2888 है.

 

पाएं बंपर पैदावार

हमारे देश में ऐसे कई सारे किसान हैं, जो खेत खाली नहीं होने की वजह से गेहूं की अगेती बुवाई नहीं कर पाते हैं, जिससे उन्हें डर लगता है, कहीं अगर वह बाद में इसकी बुवाई करते हैं, तो गेहूं की पैदावार पर तो असर नहीं पड़ेगा.

बता दें कि गेहूं की अगेती बुवाई करने का सही समय 1 से 25 नवंबर के बीच तक होता है.

अगर इस दौरान आप इसकी बुवाई नहीं कर पाते हैं, तो घबराए नहीं आज हम आपके लिए गेहूं की ऐसी पांच उन्नत किस्में लेकर आए हैं,

जिनकी मदद से आप गेहूं की पछेती बुवाई से भी अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं और साथ भी मुनाफा भी आपको डबल मिलेगा.

गेहूं की जिन पांच किस्मों की हम बात कर रहे हैं, वह नरेन्द्र गेहूं 1076, राज 3765, हिम पालम गेहूं 3, यूपी 2338 और एचडी 2888 है.

किसान अगर अपने खेत में गेहूं की पछेती बुवाई के समय इन पांच गेहूं की उन्नत किस्मों का चयन करते हैं,

तो वह नुकसान से बच सकते हैं. तो आइए गेहूं की इन किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं –

 

गेहूं की पांच उन्नत किस्में

नरेन्द्र गेहूं 1076

पछेती बुवाई के लिए नरेन्द्र गेहूं 1076 किस्म सबसे अच्छी मानी जाती है.

इस किस्म के पौधे करीब तीन फीट तक लंबे होते हैं और यह खेत में 110 से 115 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती है.

वहीं, अगर इसके उत्पादन क्षमता की बात करें, तो इस किस्म से किसान प्रति हेक्टेयर 40-45 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

गेहूं की यह किस्म रतुआ और झुलसा रोग अवरोधी होती है.

 

राज 3765

किसान गेहूं की राज 3765 किस्म को दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक आसानी से अपने खेत में लगा सकते हैं.

इस किस्म की खासियत यह है कि इसके तने बेहद मजबूत होते हैं. इस किस्म की फसल 110 से 115 दिन के अंदर पक जाती है.

 

हिम पालम गेहूं 3

गेहूं की यह किस्म सबसे अधिक उत्पादन देने वाली मानी जाती है. यह किस्म कई तरह के रोगों से खुद को बचाने में सक्षम है.

जैसे कि- पीला एवं भूरा रतुआ फ्यूजेरियम हेडब्लाईट और ध्वज कंड आदि.

भारत के ज्यादातर घरों में इस किस्म के गेहूं के आटे की रोटी बनती है.

हिम पालम गेहूं 3 से किसान प्रति हेक्टेयर 25 से 30 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

 

यूपी 2338

गेहूं की इस किस्मों को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा के किसानों के द्वारा सबसे अधिक उगाया जाता है.

क्योंकि यूपी 2338 की पछेती किस्म इन स्थानों की मिट्टी में अधिक पैदावार देती है. यह किस्म खेत में 130 से 135 दिनों में पक जाती है.

 

एचडी 2888

गेहूं की एचडी 2888 किस्म को उन स्थानों के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है, जहां गेहूं की बुवाई देरी से की जाती है.

इसके पौधे करीब तीन फीट तक लंबे होते है और वहीं इसे किसान प्रति हेक्टेयर लगभग 30 से 40 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं.

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