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मूंग-उड़द और सब्जियों की खेती की तैयारी के साथ करें ये जरूरी कार्य

पिछले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव देखा जा रहा है, जिसका असर फसलों पर दिखाई दे सकता है.

ऐसे में आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए मौसम आधारित संबंधित कृषि सलाह जारी की है.

 

खेती की तैयारी

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सप्ताह बढ़ते हुए तापमान को देखते हुए किसानों को अपनी फसलों पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि बदलता मौसम फसलों के लिए अनुकूल नही होता है.

 

फसलों में सिंचाई करें

वैज्ञानिकों ने कहा कि मौसम अनुकूल होने की वजह से फसलों और सब्जियों में आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करना चाहिए.

 

भिन्डी की अगेती बुवाई करें

मौसम में बढ़ते तापमान को देखते हुए वैज्ञानिकों ने किसानों को भिंडी की अगेती किस्मों जैसे ए-4, परबनी क्रांति, अर्का अनामिका आदि की बुवाई करने की सलाह दी है.

साथ ही बताया कि बुवाई के लिए पहले खेतों में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें. बुवाई के लिए एक एकड़ में 10-15 किलो बीज का इस्तेमाल करें.

गेहूं फसल में रोगों से करें बचाव

मौसम में बदलाव की वजह से गेहूं फसल में रतुआ रोग का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में फसलों पर 2.5 ग्राम डाइथेन एम-45 को एक लीटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें.

 

सब्जियों में चेपा रोग

गेहूं के अलावा अन्य फसलों पर भी रोगों का प्रभाव पड़ने लगता है, जिससे फसलों पर भी अन्य तरीके के रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है.

ऐसे में सब्जियों की फसल पर 2.5 ग्राम इमिडाक्लोप्रिड को एक एक लीटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें.

मूंग उड़द की बुवाई करें

वैज्ञानिकों का कहना है कि मार्च महीने में मूंग और उड़द की फसलों की बुवाई के लिए किसान किसी प्रमाणित स्रोत से ही उन्नत बीज लें.

मूंग की उन्नत किस्में पूसा विशाल, पूसा बैसाखी, पी.डी एम-11, एस एम एल-32; उड़द– पंत उड़द-19, पंत उड़द-30, पंत उड़द-35, पी डी यू-1 आदि का चयन करें.

इनकी बुवाई से पहले बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम और फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से अवश्य उपचार करें.

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