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डॉलर चने की खड़ी फसल पर किसान ने चलाया रोटावेटर

डॉलर चने पर वायरस का बढ़ा प्रकोप

इस साल किसानो में डॉलर चने के प्रति रुझान कम रहा। वही जिन किसानो ने डॉलर चने की बोवनी की थी, उनकी फसल वायरस की चपेट में आ गई है। इससे किसान परेसान है। कुछ किसानो ने रोटावेटर चलाकर फसल नष्ट कर दी है।

पिछले साल की तुलना में इस साल डॉलर चने का रकबा आधा रह गया है। कृषि विभाग की माने तो मानसून व भाव से परेशान किसान का डॉलर चने के प्रति रुझान कम रहा। इस बार गेहू और मक्का की तरफ किसान आकर्षित हुए है।

धार जिले के ग्राम बिखरोन के किसानो ने बताया कि इस साल लगातार पानी गिरते रहने से कपास की फसल में देरी होने के चलते कई किसानो ने डॉलर चने की बोवनी नहीं की थी। जिन किसानो ने डॉलर चना लगाया है, वे वायरस से परेशान है।

 

बिखरोंन(जिला धार) के त्रिलोकचंद पाटीदार की डॉलर चने की फसल पिली पड़ गई थी इस पर किसान ने रोटावेटर चलाकर खड़ी फसल नष्ट कर दी। किसान का कहना है कि यदि समय पर उपचार नहीं हुआ तो वे दोनों फसलो से हाथ धो बैठेंगे। इसलिए वे अन्य फसल की बोवनी की तयारी में जुट गए है।

किसानो का कहना है की वैज्ञानिक वायरस नियंत्रण का कोई ठोस उपाय नही  पाए है।

क्षेत्र में पहली बार वायरस की मार

किसानो का कहना है कि महेश्वर तहसील के जामन्या, बुदरी, गोगावा, नान्द्रा सहित कई गाँव में पिछले वर्ष वायरस से फसले प्रभावित हुई थी, किन्तु यह वायरस इस बार बिखरोन, पटलावद, सुन्द्रेल, पेड़वी, भवानिया, झाकरुड सहित कई गाँव में देखने को मिल रहा है।

किसानो ने बताया की बोवनी के 60 दिन बाद अचानक डॉलर चने की फसल पिली पड़कर सूखने लगी। जबकि उस पर फल और फुल लगने का सही वक्त होता है। ऐसे में वायरस की चपेट से पूरी फसल नष्ट होने की स्थिति निर्मित हो रही है।

वैज्ञानिक टीम बुलाकर जांच करवाई जाएगी

धरमपुरी ब्लाक के कृषिविस्तार अधिकारी प्रेमसिंह ओहरिया ने बताया कि इस साल डॉलर का रकबा कम है। इसकी वजह मानसून और उचित भाव मिलना नही बताया जा रहा है। डॉलर चने की फसल पिली पड़ने की शिकायत को लेकर वैज्ञानिक टीम बुलवाकर जांच करवाई जाएगी।

source: नईदुनिया

 

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