ड्रिप व मल्चिंग तकनीक से 20 बीघा से 10 लाख कमाए

परंपरागत खेती को अलविदा

बागली के किसान की सब्जियों की खेती की प्रेरक कहानी

अब किसानों ने खेती के साथ-साथ अपनी सोच भी बदल दी है। वे परंपरागत परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक तकनीक के साथ खेती करना शुरू कर चुके हैं। इनमें बागली के सोबल्यापुरा गांव के किसान मुकेश परिहार सबके लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

कभी एक बीघा में सब्जी उत्पादन से शुरुआत करने वाले मुकेश आज 20 बीघा में उन्नत खेती कर रहे हैं और सालाना करीब 10 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं।

कम लागत, बेहतर तकनीक और अच्छे उत्पादन ने उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाया है।

 

इंदौर-भोपाल रोज जाती हैं सब्जियां

मुकेश के खेतों से रोजाना इंदौर और भोपाल की बड़ी मंडियों में सब्जियां भेजी जाती हैं।

स्थानीय जलवायु और मिट्टी की स्थिति उनके लिए अनुकूल साबित हो रही है, जिससे सालभर उपज बेहतर मिल रही है।

विभाग द्वारा नियमित प्रशिक्षण और तकनीकी मार्गदर्शन से वे उत्पादन में लगातार सुधार कर रहे हैं।

 

ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग पद्धति अपनाई

मुकेश ने कृषि विभाग से मार्गदर्शन लेकर ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग पद्धति अपनाई, जिससे पानी को बचा, साथ ही उत्पादन भी बढ़ा।

वे बताते हैं, अच्छे रिजल्ट से प्रेरित होकर एक बीघा से बढ़ाकर आज 20 बीघा खेती कर रहा हूं और जल्द ही इसे 30 बीघा तक ले जाने का प्लान है।

मुकेश वर्तमान में टमाटर, करेला, गिलकी, बैंगन और तुरई की खेती करते हैं।

उनकी मेहनत और बढ़ते उत्पादन को देखते हुए उद्यानिकी विभाग ने उन्हें महाराष्ट्र और गुजरात में भ्रमण करवाया, जहां उन्होंने आधुनिक तकनीक, मार्केटिंग और खेती की बारीकियां सीखीं।

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