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DAP के लिए किसान रातभर लाइन में खड़े रहने को मजबूर

 

मध्य प्रदेश में गहराता जा रहा खाद संकट

 

राज्य भर के किसान DAP खाद की आपूर्ति बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

सरसों, आलू और गेहूं की बुवाई में डीएपी खाद की आवश्यकता होती है.

किसानों का कहना है कि हम दिन भर लाइन में खड़े रहते हैं, फिर भी हमें खाद नहीं मिल पाती है.

 

मध्य प्रदेश में खाद संकट गहराता जा रहा है. बीते कई दिनों से खाद की कमी की खबरें आ रही हैं, लेकिन अभी तक इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है.

सरसों, आलू और अब गेहूं की बुवाई के लिए किसानों को खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

खाद के लिए लंबी लाइनें, विरोध प्रदर्शन और घंटों का इंतजार किसानों की परेशानी बढ़ा रहा है.

राज्य के कई हिस्सों में किसान खाद के लिए रातभर लाइन में खड़े रहने को मजबूर हैं.

 

भोपाल से करीब 190 किलो मीटर दूर अशोक नगर में किसान मुंगवाली प्रखंड मुख्यालय के बाहर रातभर सोए हुए दिखे ताकि सुबह में उन्हें खाद का टोकन मिल सके और वे बुवाई के लिए उर्वरक लेकर जा सकें.

वहीं दतिया में लाइन में खड़े किसानों के बीच खाद के लिए लड़ाई तक हो गई.

 

किसानों पर लाठी चार्ज कर चुकी है पुलिस

राज्य भर के किसान डाय अमोनियम फॉस्फेट (DAP) खाद की आपूर्ति बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

सरसों, आलू और गेहूं की बुवाई में डीएपी खाद की आवश्यकता होती है.

किसानों का कहना है कि हम दिन भर लाइन में खड़े रहते हैं, फिर भी हमें खाद नहीं मिल पाती है.

 

इस महीने की शुरुआत में मुरैना में एक सहकारी समिति के बाहर भगदड़ जैसी स्थिति देखी गई थी, क्योंकि किसान उर्वरक के लिए कतार में इंतजार कर रहे थे.

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसका वीडियो वायरल हो गया था.

इसके अलावा, राज्य में खाद की मांग को लेकर किसानों द्वारा सड़क जाम करने और लूट की घटनाएं भी सामने आई हैं.

 

‘वैश्विक कीमतों के कारण डीएपी की मामूली कमी’

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वीकार किया है कि डीएपी की ‘मामूली कमी’ है. उन्होंने इसके लिए अंतरराष्ट्रीय कीमतों को दोषी ठहराया है.

तोमर ने कहा कि डीएपी की थोड़ी कमी है, क्योंकि हम इसे आयात करते हैं और कीमतें भी बढ़ गई हैं.

 

पिछले सीजन में जब डीएपी की कीमतें बढ़ी थीं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों पर बोझ कम करने के लिए 1,200 रुपए प्रति बैग की रियायती दर पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था.

अब वैश्विक स्तर पर कीमतों में फिर से वृद्धि हुई है और सरकार 1200 की जगह 1650 रुपए की सब्सिडी दे रही है.

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को डीएपी खाद के विकल्पों के बारे में किसानों को सूचित करने और उपलब्ध स्टॉक की निगरानी करने का निर्देश दिया है.

उन्होंने उर्वरकों की कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी वादा किया है.

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