किसानों को पशुधन के लिए 50 प्रतिशत अनुदान मिलता है

कृषि क्षेत्र में पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान है, पशुपालन न केवल किसानों के लिए दैनिक आमदनी का अच्छा जरिया है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

इस कड़ी में मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री लखन पटेल ने कहा कि किसान की आय दोगुना करने में पशुपालन गतिविधियों का विशेष योगदान है।

मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना सहित अन्य विभागीय योजनाओं में पशुपालन गतिविधियों में किसानों को लगभग 50 प्रतिशत अनुदान विभाग द्वारा दिया जाता है।

 

पशुपालन

पशुपालन मंत्री ने कहा कि विभागीय अधिकारी किसानों को पशुपालन के लिए प्रेरित करें और उनको शासन की योजनाओं का पूरा लाभ दें।

मुख्यमंत्री जन कल्याण अभियान के दौरान पशुपालन शिविर लगाया जाए और पशुपालन योजनाओं के अधिक से अधिक प्रकरण स्वीकृत किए जाएं।

पशुपालन राज्य मंत्री पटेल ने 10 दिसंबर के दिन पशुपालन संचालनालय के सभागार में विभाग की प्रदेश स्तरीय समीक्षा बैठक ली उसमें अधिकारियों को यह निर्देश दिये।

 

कुक्कुट पालन के लिए प्रति यूनिट दिए जाएं 100 कुक्कुट

पशुपालन मंत्री ने निर्देश दिए कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत पशुपालकों को कुक्कुट पालन, बकरी पालन, शूकर पालन और चरी/चारा उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाए।

बड़े शहरों में कड़कनाथ विक्रय से पशुपालक किसानों को अच्छा मुनाफा प्राप्त हो सकता है।

महिला स्व-सहायता समूह को राष्ट्रीय पशुधन मिशन की गतिविधियों से जोड़ा जाए।

योजना अंतर्गत स्व सहायता समूह को कुक्कुट पालन के लिए कई यूनिट प्रदाय की जाए।

केंद्र सरकार को एक यूनिट में 100 कुक्कुट प्रदाय करने का प्रस्ताव भिजवाया जाए। वर्तमान में एक यूनिट में 40 कुक्कुट प्रदाय किए जाते हैं।

 

यह भी पढ़ें : छोटे और सीमांत किसानों को बिना कुछ गिरवी रखे मिलेगा 2 लाख रुपए का लोन

 

चारा उत्पादन के लिए दिया जाता है 50 प्रतिशत अनुदान

मंत्री पटेल ने कहा कि पशुपालक किसानों को साइलेज के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जाए।

भूसे की तुलना में साइलेज पशुओं के लिए अधिक पौष्टिक होता है, पशु में दूध की मात्रा को बढ़ाता है और इसकी कीमत भी कम होती है।

यह मक्के की चारी और नेपियर घास से बनता है। किसान चरी/चारा उत्पादन कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

चरी/चारा उत्पादन योजना में शासन की ओर से 50 प्रतिशत अनुदान है।

 

किसानों को दी जाए पशु बीमा की राशि

प्रमुख सचिव पशुपालन उमराव ने कहा कि अधिकारी पशु बीमा के लंबित प्रकरणों का बीमा अधिकारियों से निरंतर संपर्क कर निराकरण कराएं।

यदि संबंधित बीमा कंपनियां बेवजह किसानों के बीमा दावे रोकती हैं तो उपभोक्ता फोरम में प्रकरण दर्ज कराएं। सभी किसानों को पशु बीमा की दावा राशि दिलाए जाना सुनिश्चित करें।

पशुपालन मंत्री द्वारा संभागवार विभागीय समीक्षा के दौरान निर्देश दिए गए कि विभाग की चलित पशु चिकित्सा वाहनों का समुचित रखरखाव किया जाए।

यह योजना अत्यधिक लोकप्रिय हुई है और पशुपालक बड़ी संख्या में अपने पशुओं का इलाज करवा रहे हैं।

प्रदेश में 406 लाख पशुओं की आबादी है, प्रति 1 लाख पशु आबादी पर एक वाहन (कॉल सेंटर 1962) संचालित है।

 

बड़ी गौशालाओं में लगाए जाएं गोबर गैस संयंत्र

समीक्षा बैठक में पशुपालन मंत्री ने कहा कि पालतू और उन्मुक्त विचरण करने वाले पशुओं की पहचान के लिए यह आवश्यक है कि उनकी टैगिंग अलग-अलग रंग से की जाए।

मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के अंतर्गत निर्मित गौशालाओं में पशुओं के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। बड़ी गौशालाओं में गोबर गैस संयंत्र लगाने के प्रयास किए जाएं।

 

यह भी पढ़ें : छोटे और सीमांत किसानों को बिना कुछ गिरवी रखे मिलेगा 2 लाख रुपए का लोन

Leave a Comment