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मक्का की अधिक पैदावार के लिए किसान दिसंबर महीने में करें यह काम

मक्का भारत की मुख्य फसलों में से एक है। देश में मक्का की खेती खरीफरबी एवं जायद तीनों सीजन में किसानों के द्वारा की जाती है।

इसका उपयोग मानव आहारपशुओं की खिलाने वाले दाने एवं भूसे के रूप में होता है।

इसके अतिरिक्त औद्योगिक महत्व की वस्तुएँ भी इससे बनाई जाती है।

भारत में साधारण रूप से रबी मौसम में मक्का की फसल अधिक उपज देती है।

बी मक्का की बुआई का उपयुक्त समय 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक का है।

 

रबी सीजन में मक्का किसानों के लिए सलाह

ऐसे में जो किसान इस रबी सीजन में मक्का की खेती कर रहे हैं वे किसान फ़सल की लागत कम कर अधिक से अधिक पैदावार ले सके इसके लिए कृषि विभाग एवं कृषि विश्वविद्यालयों के द्वारा किसान हित में लगातार सलाह जारी की जा रही है।

इस कड़ी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ICAR द्वारा दिसंबर महीने में शीतकालीन मक्का को लेकर किसानों के लिए सलाह जारी की गई है। जो इस प्रकार है:-

 

मक्का की फसल में सिंचाई एवं यूरिया का छिड़काव कब करें?

रबी मक्का की बुआई के 20–25 दिनों बाद पहली निराई–गुड़ाई करने के बाद ही सिंचाई करनी चाहिए।

और पुनसमुचित नमी बनाये रखने के लिए समयसमय पर सिंचाई करते रहनी चाहिए, रबी मक्का मे प्रायः 4–6 सिंचाइयों की आवश्यकता पड़ती हैं।

बुआई के लगभग 30–35 दिनों बाद पौधों के लगभग घुटने तक की ऊँचाई होने पर प्रति हेक्टेयर 87 किलोग्राम यूरिया की प्रथम टॉप ड्रेसिंग व इतनी ही मात्रा की दूसरी टाँप ड्रेसिंग नरमंजरी निकलने से पहले करनी चाहिए।

किसान इस बात का ध्यान रखें कि खेत में पर्याप्त नमी बनी रहे।

 

मक्का में खरपतवार का नियंत्रण

शीत कालीन मक्का के खेत को शुरू के 45 दिनों तक खरपतवार रहित रखना चाहिए। इसके लिए 2–3 निराई–गुड़ाई पर्याप्त रहती हैं।

खरपतवारों के रासायनिक नियंत्रण के लिए एट्राजिन की 1–1.5 किलोग्राम/हेक्टेयर मात्रा का छिड़काव करके भी नियंत्रित किया जा सकता है।

एट्राजिन की आवश्यक मात्रा को 800 लीटर पानी मे घोल बनाकर बुआई के बाद परंतु जमाव से पहले छिड़काव करना चाहिए।

 

मक्का में कीट का नियंत्रण कैसे करें?

मक्का मे वृंतभेदक एक मुख्य कीट है। यह मक्का को शुरू की अवस्था मे प्रभावित करता है।

यदि पत्तियों पर छोटे छिद्र दिखाई देंतो बिना देरी किए 4 प्रतिशत कार्बोफ्यूराँन के दानों को प्रभावित पौधों मे डालना चाहिए।

कभीकभी मक्का की फसल को कुछ कीट जैसेपाइरिलाआर्मीवर्मकटवर्म आदि नुकसान पहुंचाते हैं।

इनकी रोकथाम भी मोनोक्रोटोफाँस के छिड़काव से की जा सकती है।

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