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किसानों को मिला 16 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज

सिर्फ 4 फीसदी लगता है ब्याज

 

खेती-किसानी को और आगे बढ़ाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और मजबूत करेगी केंद्र सरकार.

कृषि मंत्रालय का यूएनडीपी के साथ समझौता.

 

केंद्र सरकार ने दावा किया है कि पिछले एक साल में कृषि और किसानों को आगे बढ़ाने के लिए उसने किसानों को लगभग 16 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया है.

अपनी इजराइल यात्रा से वापस लौटने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपनी मौजूदगी में किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम फसल बीमा को और मजबूती देने के लिए यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) और कृषि मंत्रालय के बीच एक समझौता करवाया.

तोमर ने कहा कि केसीसी का लाभ छोटे किसानों को मिल रहा है.

किसानों को अभी तक लगभग 16 लाख करोड़ रुपये कृषि कर्ज के रूप में दिए गए हैं.

कोरोना के संकटकाल में दो करोड़ से ज्यादा केसीसी बनाए गए हैं.

केसीसी के तहत किसानों को तीन लाख रुपये तक का लोन सिर्फ 4 फीसदी के नाममात्र के ब्याज पर मिलता है.

 

केसीसी के जरिए लोन लेने में आसानी

तोमर ने कहा कि लक्ष्य यह है कि छोटे से छोटे किसानों को केसीसी के जरिए खेती के लिए लोन लेने में आसानी हो.

पशुपालकों व मत्स्यपालकों को भी केसीसी योजना से जोड़कर लाभ दिया जा रहा है.

फिलहाल, केंद्रीय कृषि मंत्रालय और यूएनडीपी के बीच प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और किसान क्रेडिट कार्डसंशोधित ब्याज सहायता योजना को और प्रभावी बनाने के लिए हुए समझौते से किसानों को फायदा मिलने की उम्मीद है.

फसल बीमा योजना के सीईओ रितेश चौहान और यूएनडीपी की प्रतिनिधि सुश्री शोको नोडा ने हस्ताक्षर किए.

 

किसानों को क्या फायदा होगा

एमओयू के अनुसार, यह साझेदारी कृषि कर्ज और फसल बीमा के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सहायता प्रदान करेगी.

मौजूदा राष्ट्रीय और राज्य संस्थानों को सूचना, शिक्षा, संचार सहायता एवं क्षमता विकास प्रदान करेगी.

तोमर ने कहा कि देश के छोटे किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह समझौता किया गया है.

प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) का सहयोग मिलने से उन्हें फायदा होगा. केंद्रीय योजनाओं में बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं है.

 

किसानों के लिए सुरक्षा कवच

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि बीते तीन साल से यूएनडीपी के साथ यह साझेदारी चल रही है, जिसके अच्छे परिणाम के कारण साझेदारी को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाया गया हैं.

इससे किसानों को कृषि संबंधित फाइनेंसिंग तथा फसल बीमा के महत्व को समझने और उपयोग करने में भी सहायता होगी.

उन्होंने कहा कि पीएमएफबीवाई देश के किसानों के लिए एक बड़ा सुरक्षा कवच है, जिसका बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिल रहा है.

 

कितना क्लेम मिला

अभी तक किसानों ने प्रीमियम के रूप में लगभग 21 हजार करोड़ रुपये जमा कराए, जबकि फसलों के नुकसान की भरपाई के रूप में उन्हें 1.15 लाख करोड़ रुपये का क्लेम दिया गया है.

सरकार चाहती है कि कोई भी पात्र किसान क्लेम पाने से वंचित नहीं रहे, सभी बीमित किसानों को मुआवजा मिले.

किसानों के हित में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और आसान किया गया है.

source : tv9hindi

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