केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना देश के किसानों के लिए वरदान बनकर आई है, आज यह बीमा आवेदनों के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है.
कृषि मंत्री बोले- फसल बीमा योजना वरदान बनी
भारत नारियल उत्पादन में दुनिया में नंबर एक है. आंध्रप्रदेश में नारियल के उत्पादन को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं. इसलिए आंध्रप्रदेश में उत्पादन बढ़ाने और क्षेत्र के विस्तार के लिए अनेक प्रयास शुरू किए गए हैं.
नारियल में आने वाली अलग-अलग प्रकार की बीमारियों से निपटने के लिए ICAR ने अनेक उपाय किए हैं.
नई फसलें विकसित करने के साथ ही सहायता राशि भी उपलब्ध कराई गई है. पीएम फसल बीमा योजना किसानों के लिए वरदान है.
यह बातें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में कृषि से जुड़े सवालों के जवाब में कहीं. उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
नारियल उत्पादन में भारत नंबर वन
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान कृषि से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
केंद्र सरकार कृषि एवं किसान कल्याण के लिए संकल्पित है और लगातार इस क्षेत्र में काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि आज नारियन उत्पादन में हमारा देश नंबर एक पर पहुंचा है, जिसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी की उत्पादन बढ़ाने की नीति है.
वर्ष 2014-15 के दौरान नारियल उत्पादन 140 लाख मीट्रिक टन था, जो अब बढ़कर 153.29 लाख मीट्रिक टन हो गया है.
विश्व में हमारी उत्पादकता सबसे अधिक है. आंध्रप्रदेश में भी उत्पादकता 11 मीट्रिक टन है.
पॉम ट्री को रोगों से बचाने के उपाय ला रहा ICAR
कृषि मंत्री ने कहा कि आंध्रप्रदेश में नारियल उत्पादन बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं, इसलिए आंध्रप्रदेश में उत्पादन बढ़ाने और क्षेत्र विस्तार के लिए अनेकों प्रयास प्रारंभ किए गए हैं.
पिछले 10 वर्षों में आंध्रप्रदेश में कुल नारियल क्षेत्र का विस्तार 12,391 हेक्टेयर किया गया है, जिससे 12,406 किसान लाभान्वित हुए हैं.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (ICAR) ने भी लगातार प्रयत्न किए हैं कि जो अलग-अलग प्रकार की बीमारी नारियल के पामट्री के पर आती है, उस पर शोध किया जाएं और शोध करने के बाद उनसे निपटने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं.
कर्नाटक व केरल में कीटों और बीमारियों की समस्या के लिए किसानों को 50.56 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की गई है.
केरल हो, कर्नाटक या तमिलनाडु, जब ऐसी बीमारियां आती हैं तो हम लगातार प्रयत्न करते हैं कि बीमारियों का नियंत्रण भी किया जाएं और किसानों को सहायता भी दी जाएं.
फसल बीमा योजना किसानों के लिए वरदान
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना देश के किसानों के लिए वरदान बनकर आई है, आज यह बीमा आवेदनों के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है.
कृषि राज्य का विषय है और ये योजना स्वैच्छिक है, इसलिए योजना को चुनना राज्य की इच्छा पर निर्भर करता है.
23 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने इस योजना का चयन किया है, लेकिन कुछ राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अपने यहां की योजना भी चलाते हैं.
उन्होंने कहा कि किसानों का नुकसान हो तो उसकी भरपाई हो जाए, यह मोदी सरकार की नीति है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और उसमें भी बागवानी फसलों के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना राज्य सरकार के प्रस्तावों पर केंद्र सरकार लागू करती है.
गैर ऋणी किसानों के भी 5 करोड़ से ज्यादा आवेदन आए हैं, जिनमें 35,000 करोड़ रुपये के किसान प्रीमियम पर 1.72 लाख करोड़ रुपये किसानों के खाते में भेजे गए हैं.
केला नुकसान पर प्रति हेक्टेयर 2 लाख का भुगतान
मध्यप्रदेश में केले का बहुत अच्छा उत्पादन होता है और अलग-अलग राज्य सरकारें अपने किसानों के हित के लिए कदम उठाती है.
मध्यप्रदेश में केले के नुकसान पर 2 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से राहत की राशि दी जाती है. पहले जो फसल बीमा योजना थी, वह बहुत डिफेक्टिव थी.
कई बार 6 से 8 महीने 1 साल तक लग जाता था, लेकिन अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत यह तय किया गया है कि फसल कटाई के अधिकतम एक महीने के बाद राज्य सरकार रिपोर्ट भेजे और वह रिपोर्ट मिलने के बाद फसल नुकसान का जो दावा है, उसका भुगतान किसानों को कर दिया जाए.
हमने ये भी तय किया है कि अगर राज्य सरकार उपज के आंकड़े भेज दें और उसमें बीमा कंपनी देरी करेगी तो 12 फीसदी उन्हें ब्याज देना पड़ेगा.
27 राज्यों की 1410 मंडिया e-NAM पोर्टल से जुड़ीं
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने छोटे किसानों को कवर करने का पूरा प्रयास किया है.
राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को ई-नाम के संचालन और स्थानीय जरूरत को पूरा करने के लिए फंड दिया जा रहा है.
किसानों को अपने उत्पाद कहीं और न ले जाना पड़े, वो मंडी में ही e-NAM प्लेटफॉर्म के साथ व्यापार कर सकें इसके लिए बिहार की 20 बाजार समितियों को e-NAM प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ा गया है.
भारत सरकार ने e-NAM प्लेटफार्म में मंडियों को जोड़ने का लगातार कोशिश की है. 23 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों की 1410 मंडियों को e-NAM प्लेटफार्म से जोड़ा गया है.