किसानों ने कृषि मंत्री के सामने रखी यह समस्याएँ

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रत्येक मंगलवार किसान और किसान संगठनों से मुलाकात करने का कार्यक्रम शुरू किया है।

जिसके तहत आज 1 अक्टूबर के दिन केंद्रीय कृषि मंत्री ने नई दिल्ली में किसानों और किसान संगठनों के सदस्यों से चर्चा की।

इस अवसर पर किसान संगठनों ने कृषि मंत्री को कृषि की लागत कम करना, लाभकारी मूल्य देना, फसलों को पानी के भराव से बचाना, कीटनाशक एवं अच्छा मिल सके और पशुओं से फसलों को कैसे बचाया जा सके आदि विषयों पर सुझाव दिए।

 

कृषि मंत्री ने कहा समाधान के लिए करेंगे काम

इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि किसान अनियंत्रित कीटनाशकों व उर्वरकों के उपयोग से धरती के स्वास्थ्य के खराब होने को लेकर भी चिंतित हैं और सरकारी योजनाओं की जानकारी सभी तक कैसे पहुंचे ताकि सभी किसान उसका लाभ उठा पायें।

किसानों ने कहा कि जानकारी के अभाव में कई बार किसान योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं।

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किसानों ने रखी यह समस्यायें

किसान संगठनों ने कृषि मंत्री को फसल बीमा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड योजना में आ रही समस्याओं को कृषि मंत्री के सामने रखा।

उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना अच्छी योजना है लेकिन सभी किसानों का बीमा नहीं हो पाता है। किसान क्रेडिट कार्ड पर पैसा मिलने के संबंध में भी समस्या आती है।

किसानों ने कई व्यवहारिक समस्यायें सामने रखी हैं जैसे ट्रांसफार्मर के जलने पर उसे समय सीमा में बदला जाये ताकि फसल की सिंचाई प्रभावित न हो।

किसानों ने फैक्ट्रीयों से दूषित पानी निकलने और उससे फसलें या भूमिगत जल खराब होने की समस्या पर भी चर्चा की।

 

घटिया बीज और कीटनाशक को लेकर कानून को किया जाएगा सख़्त

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की समस्यायें ऐसी हैं कि दिखने में छोटी लगती हैं लेकिन इनका समाधान हो जाये तो किसानों की 10 से 20 प्रतिशत आमदनी बढ़ जायेगी।

इसलिए हमने तय किया है कि जो केंद्र सरकार से संबंधित समस्यायें हैं जैसे किसानों को घटिया कीटनाशक व बीज न मिलें, इसके लिए कानून को और कड़ा बनाने आदि को लेकर केंद्र सरकार विचार करेगी।

उन्होंने कहा कि कई चीजें ऐसी हैं जो राज्य सरकारों को करनी हैं। किसानों के राज्यों से संबंधित सुझाव हम राज्य सरकारों को भेजेंगे।

कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों ने मैनुअल सर्वे से रिकार्ड को मेंटेन करने से होने वाली परेशानी से बचने को लेकर भी सुझाव दिये हैं जो कि बहुत ही उपयोगी हैं।

मैं किसानों को बहुत धन्यवाद देता हूं कि वे चर्चा के लिए आये और उन्होंने अपने बहुमूल्य सुझाव दिये।

हमें जो सुझाव मिले हैं उन पर मिल कर काम करेंगे और समस्याओं के समाधान पर राज्य सरकारों के साथ मिलकर भी प्रयास करेंगे।

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