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किसान अपने खेतों पर ट्रांसफार्मर के आसपास जगह रखें साफ

 

फसल रहेगी सुरक्षित

 

कृषि अधिकारियों ने किसानों को दी सलाह, बिजली फाल्ट भी हो तो नहीं होगा फसल को नुकसान सचित्र एसआरपी 3 ट्रांसफार्मर के आसपास के स्थान को रखे साफ।

किसान अपने खेतो पर ट्रांसफार्मर के आसपास दस बाय दस जगह साफ रखे, ताकि बिजली फाल्ट भी हो तो फसल को नुकसान नही हो।

यह सलाह कृषि अधिकारियों ने किसानो को दी है। वही वर्तमान में किसान गेंहू फसल की देखरेख कैसे करे व फसल पकने के दौरान क्या सावधानी रखे इसके बारे में भी बताया है।

विकासखंड में वर्तमान में गेहू की फसल खेतों में खड़ी है। फसल पकने में अभी समय है। 40 हजार हेक्टेयर में गेंहू की फसल की बुवाई की गई है।

 

गेहूं की फसल में क्या करें किसान…?

यह रकबा विकासखंड में बोई गई चना, सरसो सहित अन्य रबी फसलो की अपेक्षा सबसे ज्यादा है।

कृषि अधिकारी एसके उपाध्याय ने बताया कि देर से बुवाई वाली किस्मों में अवस्था के अनुसार सिंचाई करें, बालियो निकलते समय फव्वारा विधि से सिंचाई ना करें, अन्यथा फुल खिर जाते है।

दानो का मुंह काला पड़ जाता है। करनाल बंद तथा कंकुवा व्याधि प्रकोप का डर रहता है। यदि फसल में सुनहरापन आ रहा है।

सिंचाई बंद कर दे इससे दाने की चमक कम हो सकती है व धब्बे हो सकते है।

गेंहू फसल की उपरी भाग तना व पत्तो पर गेंहू की इल्ली तथा माहू का प्रकोप होने की दशा में इमिडाक्लोप्रिड 250 मिली ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

 

इन दवा का छिड़काव कर सकते है

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ओपी शर्मा ने बताया कि गेंहू में हेड ब्लाइट या लीफ ब्लाइट रोग आने पर प्रोपिकेनाजोल एवं मिली दवा प्रति लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करें।

एक हेक्टेयर के लिए 250 मिली दवा तथा 250 लीटर पानी का उपयोग करें।

गेंहू में आरमी वर्म के नियंत्रण के लिए ट्राईक्लोरेफान 55 प्रतिशत का 300 मिली लीटर या डाईक्लोरोवास 76 प्रतिशत ईसी की 150 मिली लीटर दवा का 300 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करे।

उच्च गुणवता के लिए बीज की फसल में अंतिम बार रोगिंग करे।

अपने खेतो पर लगे ट्रांसफार्मर के आसपास दस बाय दस फिट तक सफाई व्यवस्था करें दे ताकि किसी भी प्रकार से बिजली का फाल्ट होने पर उसकी पकी हुई फसल को नुकसान नही हो।

एसके उपाध्याय एवं ओपी शर्मा ने बताया कि किसानो को किसी तरह की कोई समस्या हो तो वह कृषि विभाग कार्यालय से सलाह ले सकते है।

source : niadunia

 

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