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रबी सीजन में इन 5 सब्जियों की खेती कर किसान होंगे मालामाल

सब्जियों की खेती

 

र्दीयों के मौसम में फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए किसान इन सब्जियों की बुवाई करना शुरू कर दें.

ये सब्जियां कम समय व कम खर्च में अधिक मुनाफा देगी.

 

देश के ज्यादातर राज्यों में खरीफ फसलों की कटाई शुरू हो चुकी है.

ऐसे में अब किसान अपने खेत में रबी सीजन के फसलों को लगाने की तैयारियां कर रहे हैं ताकि वह सीजन के अनुसार फसलों को लगाकर लाभ कमा सकें.

 

अगर आप भी अपनी फसल से अच्छा लाभ कमाना चाहते हैं, तो आप रबी सीजन में इन सब्जियों की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं.

आपको बता दें कि यह सब्जियां किसानों को सर्दी के अंत तक अच्छी कमाई देती है.

यही नहीं इन सब्जियों में आपको अधिक मेहनत करने की भी जरूरत नहीं है और साथ ही यह कम समय में पककर तैयार भी हो जाती है.

 तो आइए इस लेख में रबी सीजन में उगाई जाने वाली सब्जियों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

 

आलू की खेती

आलू रबी सीजन की प्रमुख सब्जी मानी जाती है. आलू का सेवन लोग सबसे अधिक मात्रा में करते हैं.

वैसे देखा जाए तो आलू की खेती किसान साल भर कर सकते हैं.

लेकिन सर्दियों के महीने में इसकी बुवाई, पैदावार और भंडारण काफी आसान होता है.

आलू की सभी किस्में 70 से 100 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.

मटर की खेती

मटर की खेती के लिए अक्टूबर से लेकर नवंबर तक का समय उपयुक्त होता है.

किसान मटर की जल्दी और अच्छी बुवाई के लिए 120-150 किग्रा और देर से बोई जाने वाली किस्मों पर 80-100 किग्रा तक प्रति हेक्टेयर बीज लगाए.

सालभर मटर प्राप्त करने के लिए किसानों को इसकी बड़ी मात्रा में खेती करनी होती है.

 

लहसुन की खेती

लहसुन की खेती से किसानों को कई गुना फायदा मिलता है. दरअसल लहसुन एक तरह की औषधीय खेती है.

किसानों को इसकी बुवाई के लिए 500-700 किग्रा प्रति हेक्टेयर की बीज काफी है.

इसकी अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों को लहसुन की बुवाई के समय कतार विधि का उपयोग करना चाहिए और साथ ही लहसुन के कंदों का उपचार भी करना चाहिए.

इसके बाद खेत में 15×7.5 सेमी की दूरी पर इसकी बुवाई करना शुरू करें.

 

शिमला मिर्च की खेती

शिमला मिर्च की खेती से लाभ प्राप्त करने के लिए किसान भाइयों को आधुनिक खेती को अपनाना होगा.

इसके लिए किसान पॉलीहाउस या लो टनल विधि का उपयोग कर सकते हैं.

शिमला मिर्च के उन्नत बीजों से नर्सरी तैयार कर किसान 20 दिन के बाद ही पौधों की रोपाई करना शुरू कर सकते हैं.

इसकी फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए यूरिया की 25 किग्रा. या नाइट्रोजन की 54 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से डालें.

टमाटर की खेती

देश में आलू, प्याज के बाद टमाटर की खपत सबसे अधिक होती है.

ऐसे में किसान इसकी खेती से बेहद लाभ कमा सकते हैं.

दरअसल इसकी खेती के लिए अक्टूबर महीने में किसान बुवाई करना शुरू कर दें.

इसके लिए किसान पॉलीहाउस में रोपाई कर सकते हैं.

लेकिन ध्यान रहे कि टमाटर की फसल में कीट-रोग नियंत्रण का बेहद ध्यान रखें. क्योंकि इसकी फसल में जल्दी रोग लग जाते हैं.

अच्छी पैदावार के लिए फसल में 40 किग्रा नाइट्रोजन, 50 किग्रा फास्फेट, 60-80 किग्रा पोटाश के साथ जिंक20-25 किग्रा, 8-12 किग्रा बोरेक्स का इस्तेमाल करें.

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