शहरों के आसपास सब्जियों की खेती के लिए किसानों को मिलेगा 40 प्रतिशत अनुदान

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत शहरी क्षेत्र के आसपास देशी सब्जियों की नई एवं उन्नत किस्म के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को अनुदान दिया जा रहा है।

शहरी क्षेत्रों की जनसंख्या अधिक होने के चलते ताजी हरी सब्जियों की मांग बढ़ती जा रही है। जिसको देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने बड़े शहरों के आसपास देसी-सब्जियों की उन्नत किस्म के क्लस्टर विकसित करने का निर्णय लिया है।

इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार किसानों को अनुदान उपलब्ध कराएगी।

इसके लिए सरकार द्वारा उद्यानिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत देशी-सब्जियों को स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के अनुसार उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा।

 

इन सब्जियों की खेती के लिए मिलेगा अनुदान

उद्यानिकी विभाग के आयुक्त अरविन्द दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत शहरी क्षेत्र के आसपास देशी सब्जियों की नई एवं उन्नत किस्म के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है।

विभाग द्वारा सभी 10 संभागों के जिलों के नगरीय क्षेत्र के आसपास परंपरागत सब्जियों की नवीन उन्नत किस्मों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इसमें तोरई/गिलकी, परवल, चिचिंडा, लौकी, करेला, टिंडा, खीरा, बैंगन, मुनगा, कुंदरु, चौलाई, पालक, पोई साग, गरूणी/भाजी, कचरी, अरबी, शकरकंद, कसावड़ तथा कटुक/स्टार गूसबेरी सब्जी फसलों के उत्पादन पर अनुदान सहायता दी जा रही है।

 

सब्जी की खेती के लिए कितना अनुदान मिलेगा?

परियोजना के तहत हितग्राहियों को प्रति हेक्टेयर निर्धारित इकाई लागत 60 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर पर 40 प्रतिशत, अधिकतम 24 हजार रुपए तक अनुदान दिया जाएगा।

इस योजना का लाभ लेने के लिए सब्जी उत्पादकों को एमपी एफएसटीएस पोर्टल mpfsts.mp.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

उद्यानिकी विभाग के आयुक्त ने बताया कि योजना से जुड़ने के लिए किसान के पास स्वयं की भूमि और सिंचाई सुविधा होना चाहिए।

योजना से जुड़े किसानों को सब्जी उत्पादन तकनीकी एवं विपणन का प्रशिक्षण उद्यानिकी विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

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