केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 25 दिसंबर के दिन नई दिल्ली में 10,000 नवगठित बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), डेयरी व मत्स्य सहकारी समितियों का शुभारंभ किया।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज अटल जी की जन्म शताब्दी के दिन 10 हज़ार नई बहुद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (MPACS), डेयरी व मत्स्य सहकारी समितियों का शुभारंभ हो रहा है।
2 लाख नए पैक्स का होगा गठन
सहकारिता मंत्री ने कहा कि 19 सितंबर 2024 को इसी स्थान पर हमने एक SOP बनाई थी और उसके 86 दिन के अंदर ही हमने 10 हज़ार पैक्स को रजिस्टर करने का काम समाप्त कर दिया है।
उन्होंने कहा कि ‘सहकार से समृद्धि’ तभी संभव है जब हर पंचायत में सहकारिता उपस्थिति हो और वहां किसी न किसी रूप में काम करे।
उन्होंने कहा कि हमारे देश के त्रिस्तरीय सहकारिता ढांचे को सबसे ज़्यादा ताकत प्राथमिक सहकारी समिति ही दे सकती है, इसीलिए मोदी सरकार ने 2 लाख नए पैक्स बनाने का निर्णय किया था।
पैक्स से जोड़ी जाएंगी 32 नई गतिविधियाँ
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि NABARD, NDDB और NFDB ने 10 हज़ार प्राथमिक सहकारी समितियों के पंजीकरण में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद सबसे बड़ा काम सभी पैक्स का कम्प्यूटराइज़ेशन करने का किया गया।
उन्होंने कहा कि कम्प्यूटराइज़ेशन के आधार पर पैक्स को 32 प्रकार की नई गतिविधियों से जोड़ने का काम किया गया।
हमने पैक्स को बहुआयामी बनाकर और उन्हें भंडारण, खाद, गैस, उर्वरक और जल वितरण के साथ जोड़ा।
रूपे किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को कम खर्च में मिलेगा ऋण
सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज यहां 10 सहकारी समितियों को RuPay Kisan Credit Card, माइक्रो ATM का वितरण किया गया है।
इस अभियान के तहत आने वाले दिनों में हर प्राथमिक डेयरी को माइक्रो-एटीएम दिया जाएगा।
माइक्रो एटीएम और रूपे किसान क्रेडिट कार्ड (RuPay Kisan Credit Card) हर किसान को कम खर्च पर ऋण देने का काम करेगा।
उन्होंने बताया कि पैक्स के विस्तार के लिए विज़िबिलिटी, रेलेवेंस, वायबिलिटी और वायब्रेंसी का ध्यान रखा गया है।
उन्होंने कहा कि पैक्स में 32 कामों को जोड़कर इसे विजिबल और वायबल बनाया है। उन्होंने कहा कि गांव में Common Service Centre (CSC) जब पैक्स बन जाता है तो गांव के हर नागरिक को किसी न किसी रूप में पैक्स के दायरे में आना पड़ता है, इस प्रकार हमने इसकी रेलेवेंस भी बढ़ाई है।
जब पैक्स गैस वितरण, भंडारण, पेट्रोल वितरण आदि का काम करते हैं, तो उनकी वायब्रेंसी अपने आप बढ़ जाती है और पैक्स के बहुद्देश्यीय होने से पैक्स का जीवन भी लंबा होने की पूरी संभावना रहती है।
उन्होंने कहा कि यह एक बहुद्देशीय कार्यक्रम है, जिससे किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का एक मजबूत प्रयास होगा।
2 लाख पैक्स का किया जाएगा गठन
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने लक्ष्य रखा है कि अगले पांच साल में 2 लाख नए पैक्स का गठन करेंगे।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 5 साल से पहले ही हम दो लाख पैक्स का गठन कर लेंगे।
उन्होंने बताया कि पहले चरण में नाबार्ड 22,750 पैक्स और दूसरे चरण में 47,250 पैक्स बनाएगा, इसी प्रकार एनडीडीबी 56,500 नई समितियाँ बनाएगा और 46,500 मौजूदा समितियों को सुदृढ़ बनाएगा।
एनएफडीबी 6,000 नई मत्स्य सहकारी समितियाँ बनाएगा और 5,500 मौजूदा मत्स्य सहकारी समितियों का सशक्तिकरण करेगा।
इनके अलावा राज्यों के सहकारी विभाग 25000 पैक्स बनाएंगे। नए मॉडल बायलॉज के साथ अब तक 11,695 नई प्राथमिक सहकारी समितियां पंजीकृत हुई हैं, जो हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि 2 लाख नए पैक्स बनने के बाद फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेजेस के माध्यम से किसानों की उपज को वैश्विक बाजार में पहुंचाना बड़ा सरल हो जाएगा।
इन कृषि यंत्रो को सब्सिडी पर लेने हेतु अब 06 जनवरी तक कर सकते है आवेदन