खेतों में बिजली के टॉवर लगाने पर अब किसानों को मिलेगा 200 प्रतिशत मुआवजा

मंत्री-परिषद ने खेतों के ऊपर से गुजरने वाली बिजली की हाईटेंशन लाइन और खेत में बनने वाले ट्रांसमिशन टॉवर के एवज में किसानों को दी जाने वाली मुआवजा राशि में वृद्धि कर दी है।

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है।

सरकार ने खेतों के ऊपर से गुजरने वाली हाईटेंशन लाइन और खेत में बनने वाले ट्रांसमिशन टॉवर के एवज में किसानों को दी जाने वाली मुआवजा राशि में वृद्धि कर दी है।

सरकार ने यह निर्णय मंगलवार, 28 अक्टूबर के दिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक में लिया।

सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के उन किसानों को लाभ होगा जिनके खेतों से 132 K.V. या उससे बड़ी लाइन निकलेगी।

 

किसानों को कितना मुआवजा मिलेगा?

मंत्री परिषद द्वारा अति उच्च दाब पारेषण 132 K.V. और उससे बड़ी लाईन बिछाने के लिए किसानों को दी जाने वाली मुआवजा/क्षतिपूर्ति राशि में वृद्धि करने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

स्वीकृति अनुसार टॉवर लगाने पर दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि को 85 प्रतिशत से बढ़ाकर 200 प्रतिशत किया गया है साथ ही लाइन ट्रान्समिशन लाइन के ROW (Right of way) में आने वाली भूमि की क्षतिपूर्ति राशि को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया है।

क्षतिपूर्ण क्षेत्रफल में टॉवर के चार पाए के अलावा सब तरफ 1-1 मीटर की अतिरिक्त वृद्धि की गयी है। भूमि का स्वामित्व किसान का ही रहेगा। टॉवर के बीच में और लाइन के नीचे की फसल किसान ले सकेगा।

केवल तार के नीचे की जमीन 132 K.V. लाईन में 7 मीटर क्षतिपूर्ण क्षेत्रफल को बढाकर कारिडोर अनुसार 28 मीटर किया गया है।

उसी तरह 220 K.V. लाईन 14 मीटर में वृद्धि कर कॉरीडोर अनुसार 35 मीटर किया गया है। इसके अतिरिक्त 400 K.V. लाईन के नीचे की जमीन का क्षतिपूर्ति क्षेत्रफल 52 मीटर निर्धारित किया गया है।

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