हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

प्रदेश में नहीं आने दी जाएगी खाद की कमी

 

तीन दिन में डीएपी के 8 रैक पहुंचेः मनोहर लाल

 

आने वाले तीन दिन में डीएपी के 9 रैक और पहुंचेंगे हरियाणा, सीएम मनोहर लाल खट्टर ने की अपील कि अफवाहों पर ध्यान न दें किसान.

 

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गेहूं व सरसों की बिजाई के लिए खाद की कमी नहीं आने दी जाएगी.

केंद्र सरकार से लगातार बातचीत करके पूरे प्रदेश में खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है.

पिछले 3 दिन में डीएपी खाद के 8 रैक मंगाए जा चुके हैं और आने वाले तीन दिनों में ही 9 रैक और मंगाए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हर रोज 7 से 8 हजार मीट्रिक टन डीएपी व एनपीके खाद उपलब्ध करवा रही है.

हरियाणा सरकार किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने देगी.

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजाई को ध्यान में रखते हुए हर जिले में आवश्यकता के मुताबिक खाद उपलब्ध करवाई जा रही है.

केंद्र सरकार से लगातार खाद की आपूर्ति मिल रही है. अभी तक राज्य में 2 लाख 10 हजार मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध करवाया जा चुका है.

इसमें से 1 लाख 82 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद किसान खरीद चुके हैं.

प्रदेश में 3 लाख 84 हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद, 93 हजार मीट्रिक टन एसएसपी खाद और 37 हजार मीट्रिक टन एनपीके खाद की उपलब्धता है.

 

अफवाहों पर ध्यान न दें किसान

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अफवाहों पर ध्यान न दें, प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता है.

किसान जरूरत के मुताबिक खाद खरीदें और संयम बनाए रखें.

उन्होंने कहा कि किसान डीएपी के स्थान पर सरसों के लिए एसएसपी खाद और गेहूं व आलू के लिए एनपीके खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं.

कृषि विभाग भी लगातार इसको लेकर किसानों को जागरूक कर रहा है.

 

हरियाणा में क्या थे हालात

हरियाणा में सरसों और गेहूं की अगेती बुवाई होती है. इसलिए यहां अक्टूबर में डीएपी के लिए मारामारी की नौबत थी.

पहली बार हरियाणा में किसानों को दो-दो दिन लाइन में लगने के बाद एक बोरी डीएपी नसीब हुई. थानों में खाद के लिए कूपन बांटे गए.

किसानों को ब्लैक में डीएपी खरीदकर काम चलाना पड़ा. जिन्हें खाद नहीं मिली उनकी खेती प्रभावित हुई.

दिल्ली के सिर्फ 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मेवात में भी खाद को लेकर किसानों की लंबी-लंबी लाइनें लग रही थीं.

हालांकि अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. क्योंकि सरसों और गेहूं की काफी बुवाई हो चुकी है.

source

 

यह भी पढ़े : गेहूं की इन 5 उन्नत किस्मों की करिए खेती

 

यह भी पढ़े : गेहूं और सरसों की अच्छी पैदावार के लिए वैज्ञानिक सलाह

 

यह भी पढ़े : किसानो को सलाह, प्रति हैक्टेयर 100 किलोग्राम गेहूं का उपयोग बुआई में करें

 

शेयर करे