नवाचार: उत्पादन में 30-40% की वृद्धि, लागत भी घटी
छोटे से गांव माधवपुरा, रुनीजा में कभी साधारण किसान रहे तेजराम नागर ने आज पूरे क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया है।
उन्होंने एक ही खेत में पांच तरह की फसलें उगाने का साहसिक निर्णय लिया। इनमें लौकी, गिलकी और करेला जैसी बेल वाली सब्जियां, मेड़ों पर गेंदे के फूल और कंद फसलों के लिए अलग हिस्से। इन फसलों से सालभर लगातार आय मिलने लगी।
सब्जियां रोज का नकद लाभ दे रही हैं तो गेंदे के फूल त्योहारों और शादियों में बोनस इनकम का जरिया बने।
अब अगर एक फसल खराब भी हो जाए, तो बाकी की चार संभाल लेती हैं। यही असली खेती का बीमा है।
तेजराम ने गराड़ू, लहसुन और प्याज जैसी कंद फसलों में भी तकनीकी सुधार किए।
गराड़ू के लिए रेज्ड बेड मैथड और ड्रिप इरिगेशन, लहसुन के लिए मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम और प्याज के लिए स्मार्ट वॉटर मैनेजमेंट अपनाया।
पॉलीहाउस
2022 में तेजराम ने दो एकड़ भूमि पर पॉलीहाउस तैयार किए। मुय रूप से खीरा की खेती शुरू की।
एक साल में दो बार खीरे की फसल लेकर लाखों का मुनाफा कमाया। नागर का यह कृषि मॉडल क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणा है।
खेतों में मिट्टी, पानी और मेहनत का ऐसा समन्वय दिखता है, जो आधुनिक कृषि की असली परिभाषा बन चुका है।
तेजराम कहते हैं कि खेती अगर समझदारी से की जाए तो यह किसी फैक्ट्री से कम नहीं। नागर के अनुसार उत्पादन में 30-40त्न की वृद्धि हुई और लागत भी घट गई।
किसान नई तकनीक अपनाएं, पुरानी पद्धतियों से आगे बढ़ें।
