फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सरकार ने सब्सिडी पर दी 3 लाख मशीनें

फसल अवशेषों को जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को कम किया जा सके इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रहीं है।

जिसके चलते पराली जलाने की घटनाओं में तो कमी आई है पर अभी भी यह काफी नहीं है।

इसको लेकर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में हर साल प्रदूषण से होने वाली भयानक समस्या से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की।

 

बायो डीकंपोजर को भी दिया जाएगा बढ़ावा

केंद्रीय वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कृषि मंत्री, दिल्ली के वन पर्यावरण मंत्री, राज्यों के मुख्य सचिव और कृषि सचिव सहित प्रमुख अधिकारी इस बैठक में वर्चुअली शामिल हुए।

 

पराली जलाने की घटनाओं में आई 50 प्रतिशत की कमी

केंद्रीय कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल से इस साल तक पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में पंजाब में 35% कमी आई है।

हरियाणा में 21% कमी आई है। 2017 के मुकाबले पराली जलाने की घटनाओं में भी 51% से भी ज्यादा की कमी आई है लेकिन अभी लगातार ध्यान देने की जरूरत है।

राज्यों ने बताया कि वह लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं, उनके नोडल अफसर तय हैं।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और सरकारें अपनी ओर से भी जन जागरण के सारे प्रयत्न कर रही हैं।

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पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर दी गई 3 लाख मशीनें

केंद्रीय मंत्री चौहान ने बताया कि पराली जलाने से नुकसान होता है, आग लगने से गन्ने के पत्ते या बाकी चीज भी जलती हैं, आग लगने से फसल के अलावा धरती मां का स्वास्थ्य भी बिगड़ा है, कीट भी मारे जाते हैं, धरती कड़ी हो जाती है, उर्वरकता कम होती जाती है।

उन्होंने कहा कि व्यापक पैमाने पर जन जागरण अभियान चल रहा है।

उसे और प्रभावी ढंग से केंद्र और राज्य मिलकर कैसे चलाएं, उसका प्रयत्न करेंगे। पिछले वर्षों में सब्सिडी पर केंद्र सरकार ने 3 लाख से ज्यादा मशीनें दी हैं।

जो जलाने की बजाए पराली प्रबंधन का काम करती हैं। उन मशीनों का प्रभावी प्रयोग किया जाएगा और किया भी जा रहा है।

कई बार छोटे किसानों तक इन मशीनों की पहुंच नहीं हो पाती है, जिनके पास छोटे खेत होते हैं वे कस्टम हायरिंग सेंटर से मशीनें लेकर कैसे पराली का प्रबंधन कर पाएं, जैसे पराली को खेत में ही दबा दें तो वह खाद बन जाती है, समस्या की वजह वह वरदान बन जाती है।

उस पर भी कैसे छोटे किसानों की पहुंच बढ़े आदि कई विषयों भी बातचीत हुई।

 

बायो डी कंपोजर का किया जाए अधिकतम उपयोग

कृषि मंत्री ने कहा कि बायो डी कंपोजर का उपयोग अधिकतम करें, उसे हम मिशन मोड में बढ़ावा देने का प्रयत्न करेंगे।

आसपास के उद्योगों की मांग के आधार पर मैपिंग के माध्यम से पराली के XC2 उपयोग को बढ़ावा देने चर्चा हुई, हम मिलकर सामूहिक प्रयास करेंगे जिसके कारण पराली जलाने की घटना पर काबू पा सकें।

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