कृषि क्षेत्र में रोजगार की समस्या और आमदनी कम होने के चलते कृषि क्षेत्र से युवाओं का रुझान कम हुआ है, जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र में पलायन बढ़ गया है।
इस समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने अपने बजट में “ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलता कार्यक्रम” शुरू करने का ऐलान किया है।
केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 1 फ़रवरी के दिन बजट पेश करते हुए इस मिशन की घोषणा की है।
कृषि बजट 2025: कृषि से रुकेगा पलायन
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ग्रामीण संपन्नता और अनुकूलता कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा।
इससे कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में कम रोजगार की समस्या का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी।
ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलता कार्यक्रम क्या है?
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचुर अवसर पैदा करना है ताकि पलायन विकल्प हो न कि अनिवार्यता।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, लघु काश्तकारों और छोटे किसानों तथा भूमिहीन परिवारों के कल्याण पर केंद्रित होगा।
यह कार्यक्रम उद्यम विकास की गति को उत्प्रेरित करने, ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार एवं वित्तीय स्वतंत्रता, युवा कृषकों और ग्रामीण युवाओं के लिए नए रोजगार और व्यवसाय उत्पन्न करने, उत्पादन बढ़ाने तथा भंडारण संबंधी कृषि के आधुनिकीकरण में सहायक होगा।
यह कार्यक्रम खासतौर पर छोटे किसानों और लघु काश्तकारों और भूमिहीन परिवारों को विविध अवसर प्रदान करेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक और घरेलू पद्धतियों को शामिल किया जाएगा तथा बहु-क्षेत्रीय विकास बैंकों से तकनीकी और वित्तीय सहायता मांगी जाएगी। पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिले इसके दायरे में आएंगे।
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