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गाय के गोबर से बनी खाद को किसानों तक पहुंचाएगी सरकार

 

खाद को किसानों तक पहुंचाएगी सरकार

 

हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने एक कार्यक्रम में कहा कि नुकसानदायक है रासायनिक खाद, समय की जरूरत है जैविक खेती.

 

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रदेश के किसानों को जैविक खेती अपनाने एवं गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि गौ अनुसंधान केंद्र में तैयार और डीएपी के विकल्प जैविक प्रोम का सर्टिफिकेशन किया जाए.

इस खाद के मानक प्रमाणित होने पर हरियाणा सरकार प्रमाणिक तौर पर तैयार खाद को किसानों तक पहुंचाएगी.

यह जैविक खेती में एक क्रांति का काम करेगा. दलाल बुधवार को रसायनिक डीएपी (DAP) के विकल्प जैविक प्रोम के भविष्य की कार्य योजना पर आयोजित एक कार्यक्रम को वर्चुअल तरीके से संबोधित कर रहे थे.

 

दलाल ने कहा कि आने वाले समय में हमें पारंपरिक गौ आधारित खेती पर जोर देना होगा.

फास्फेट आधारित गाय के गोबर से बनी इस प्रोम खाद को पूरी तरह से किसी विश्वसनीय लैब से टेस्टिंग करवाई जानी चाहिए.

खेतों में इसका एक ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल करके किसानों (Farmers) को इस तरह के खाद की आवश्यकता से रूबरू कराना होगा.

यह खाद निश्चित तौर पर रासायनिक डीएपी से काफी सस्ती व ज्यादा कामयाब साबित हो सकती है.

अगर हम इस दिशा में कामयाब होते हैं तो निश्चित तौर पर हरियाणा ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा.

 

समय की जरूरत है जैविक खेती

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार है. जैविक खेती आज के समय की आवश्यकता है.

गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए गाय के गोबर से जैविक खाद तैयार करने और गौमूत्र के प्रासंगिक उपयोग के लिए अनुसंधान पर अधिक जोर दिया जाएगा.

आधुनिक समय में निरन्तर बढ़ती हुई जनसंख्या, पर्यावरण प्रदूषण, भूमि की उर्वरा शक्ति का संरक्षण एवं मानव स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती की राह अत्यन्त लाभदायक है.

 

नुकसानदायक है रासायनिक खाद

मानव जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए नितान्त आवश्यक है कि प्राकृतिक संसाधन प्रदूषित न हों.

शुद्ध वातावरण रहे एवं पौष्टिक आहार मिलता रहे, इसके लिए हमें जैविक खेती की कृषि पद्धतियों को अपनाना होगा.

जोकि हमारे प्राकृतिक संसाधनों एवं मानवीय पर्यावरण को प्रदूषित किए बगैर समस्त जनमानस को खाद्य सामग्री उपलब्ध करा सके.

रासायनिक खादों से जमीन की उपजाऊ शक्ति कम होने के साथ-साथ फसलों की पैदावार भी कम होती जाती है.

पर्यावरण भी दूषित होता है जिससें बिमारियों के फैलने का खतरा रहता है.

इसलिए किसानों को अपनी फसलों में जैविक खाद (Organic Fertilizer) को बढ़ावा देना चाहिए.

 

जैविक खेती पर चल रहा काम

हरियाणा गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री श्रवण कुमार गर्ग ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय (Cow) के गोबर को भी धन माना गया है.

हजारों वर्षों से हमारी कृषि गोबर, गोमूत्र पर आधारित रही है. विभिन्न संगठनों द्वारा जैविक खेती के विभिन्न आयामों पर कार्य चल रहा है.

इस अवसर पर प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. केतकी बापट, भारत सरकार के पशुपालन आयुक्त डॉ. प्रवीन मलिक, हरियाणा पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता एवं कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक हरदीप सिंह सहित कई लोगों ने जैविक खेती के लाभ बताए.

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