किसानों को उद्यानिकी विभाग से उपलब्ध कराए जाएं फलदार पौधे

मुख्यमंत्री ने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान की समीक्षा करते हुए कहा कि किसान हो या आमजन, खरीदकर पौधे लगाने और उन्हें बड़ा करने में लागत अधिक आती है, इसलिए सबको नर्सरी और बगीचा लगाने के लिए प्रेरित तो करें, परंतु उन्हें पौधे उद्यानिकी विभाग उपलब्ध कराये।

अभी देश में पर्यावरण संरक्षण और हरित क्षेत्र में वृद्धि के लिए सरकार द्वारा एक पेड़ मां के नाम अभियान चलाया जा रहा है।

जिसको लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 23 जुलाई के दिन मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में समीक्षा बैठक आयोजित की।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान हो या आमजन, खरीदकर पौधे लगाने और उन्हें बड़ा करने में लागत अधिक आती है, इसलिए सबको नर्सरी और बगीचा लगाने के लिए प्रेरित तो करें, परंतु उन्हें पौधे उद्यानिकी विभाग उपलब्ध कराये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कम खर्च में ज्यादा फायदा देने वाले फलदार और छायादार पौधों का बहुतायत में रोपण कराया जाये।

पौधरोपण के कार्य में निजी सेक्टर और किसानों को भी जोड़ा जाये। अधिक लाभ देने वाली पौध प्रजाति का चयन किया जाये, जिससे भविष्य में इनकी मांग के अनुरूप आपूर्ति (पौध उत्पादन) भी तैयार की जा सके।

 

किसानों को जोड़ा जाए एक पेड़ मां के नाम अभियान से

बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के किसानों और निजी क्षेत्रों को भी ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से जोड़ा जाए।

सभी विभाग लक्ष्य की पूर्ति के लिए पौधरोपण में तेजी लाएं और रोपे गए पौधों की मॉनिटिरिंग भी बेहतर तरीके से करें।

उद्यानिकी विभाग किसानों को फलदार वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित करे, जिससे निकट भविष्य में फलों को बेचकर उनकी आय में वृद्धि हो सके।

 ‘एक बगिया मां के नाम’ के माध्यम से राज्य सरकार स्व-सहायता समूहों की महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए भी संकल्पित है।

फलों की बगिया विकसित करने के लिए उन्हें तीन साल तक आर्थिक मदद दी जाएगी।

 

वन विभाग ने लगाए 5 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर प्रदेश भर में गत 5 जून से ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान चलाया जा रहा है, जो 30 सितंबर तक चलेगा।

प्रमुख सचिव पर्यावरण ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस से प्रारंभ ‘एक पेड़ मां के नाम अभियान’ की मॉनीटरिंग के लिए मेरी लाइफ पोर्टल तैयार किया गया है।

पिछले 5 जून से अब तक प्रदेश के विभिन्न विभागों और जिलों में करीब 5 करोड़ 54 लाख से अधिक पौध-रोपण कर पोर्टल पर दर्ज कर दिया गया है।

इस अभियान में अकेले वन विभाग ने ही वर्ष 2025-26 में 3.40 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य के विरूद्ध 22 जुलाई तक 5 करोड़ 38 लाख से अधिक पौधों का रोपण कर दिया गया है।

कुल पौध रोपण की 95 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि वन विभाग ने हासिल की है।

वन विभाग ने व्यापक कार्य-योजना तैयार की थी, जिसमें पौधरोपण क्षेत्रों को अभियान से जोड़ने, शासन के निर्देशानुसार पौधरोपण की तैयारियां, संयुक्त वन प्रबंधन समितियों की सक्रिय भागीदारी, प्लांटेशन मॉनिटरिंग सिस्टम से पौधों की निगरानी और मेरी लाइफ पोर्टल पर पौधरोपण की नियमित जानकारी अपलोड करना भी शामिल है।

 

उद्यानिकी विभाग ने लगाए 9.34 लाख पौधे

बैठक में बताया गया कि उद्यानिकी विभाग ने 4862 हेक्टेयर क्षेत्र में 21 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है।

प्रदेश भर में खेत, नदियों से सटे क्षेत्र तथा जलाशयों व नालों के आसपास अब तक 9.34 लाख से अधिक पौधरोपण किया जा चुका है। इनमें आम, अमरूद, संतरा, नीबू जैसे विभिन्न फलदार पौधे शामिल हैं।

इसी प्रकार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 15 अगस्त से 15 सितंबर तक प्रदेश में एक बगिया मां के नाम अभियान प्रारंभ कर पौधरोपण का लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई है।

विभाग द्वारा विगत 15 जुलाई से गंगोत्री हरित परियोजना, मां नर्मदा परिक्रमा पथ पर पौधरोपण की शुरुआत कर दी गई है।

पर्यावरण विभाग ने ईको क्लब से माध्यम से लगभग 37 हजार स्कूल परिसरों में अब तक 2 लाख 76 से अधिक पौधरोपण किया है।

 

स्कूल शिक्षा विभाग ने लगाए 50 हजार से अधिक पौधे

अभियान के तहत स्कूल शिक्षा विभाग ने 86 लाख 27 हजार से अधिक पौधरोपण का लक्ष्य तय किया है।

प्रदेश के सभी स्कूलों और खुले मैदान में अब तक 5 लाख 37 हजार 625 आम, अमरूद, नीम, पीपल, बरगद, सागौन एवं शीशम जैसे फलदार एवं छायादार पौधे लगाए जा चुके हैं।

बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय गोयल ने बताया कि विभाग ने स्कूली बच्चों को इस अभियान से सक्रियता से जोड़ा है।

विभाग प्रतिदिन बच्चों से पौधरोपण कराकर बच्चों की माता के साथ फोटो खिंचवाकर इन्हें मेरी लाइफ पोर्टल पर दर्ज कर रहा है।

उन्होंने बताया कि सबके सामूहिक सहयोग एवं प्रयासों से विभाग द्वारा रोजाना 50 हजार पौधे लगाए जा रहे हैं। अगले दो से तीन माह में विभाग अपना लक्ष्य पूर्ण कर लेगा।

बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव पर्यावरण नवनीत मोहन कोठारी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव, आयुक्त नगरीय विकास एवं आवास संकेत भोंडवे, संचालक सह आयुक्त एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास छोटे सिंह, आयुक्त उद्यानिकी श्रीमती प्रीति मैथिल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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