जिन किसानों ने रबी सीजन में सरसों की फसल लगाई है उनके लिये भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान सेवर, भरतपुर (ICAR–DRMR) द्वारा सलाह जारी की गई है।
संस्थान के मुताबिक अत्याधिक तापमान के कारण इस समय सरसों की फसल में पहली सिंचाई जल्द करने पर कॉलर रॉट नामक बीमारी का खतरा बढ़ गया है,
जिससे फसल झुलसने की संभावना बन रही है। ऐसे में समय से पहले सिंचाई करने पर किसानों को नुकसान हो सकता है।
किसान इस समय करें
इस समस्या पर बात करते हुए भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ.पी.के.राय ने किसानों को सलाह दी है कि वे सरसों की फसल में पहली सिंचाई करते समय भूमि में नमी की स्थिति को ध्यान में रखें और केवल आवश्यकता अनुसार ही सिंचाई करें।
किसान कब करें सरसों की पहली सिंचाई
- संस्थान द्वारा जारी सलाह में किसानों को यह सलाह दी गई है कि किसान पहले भूमि की नमी को 4 से 5 सेंटीमीटर गहराई पर जाँचने के बाद ही सिंचाई करें।
- अत्यधिक सिंचाई से बचें क्योंकि इससे फसल में कॉलर रॉट बीमारी की संभावना बढ़ जाती है।
- जिन किसानों ने पहले ही सरसों की फसल में सिंचाई कर ली है और उनकी फ़सल में झुलसने के लक्षण दिखाई दे रहे हैं वे तुरंत कार्रवाई करें। इसके लिए स्ट्रेप्टोमाइसिन 200 ppm (200 मिली ग्राम प्रति लीटर पानी) का एवं कार्बेंडाजिम का 2 प्रतिशत घोल बनाकर पौधों पर छिड़काव करें। ध्यान रखें की छिड़काव संक्रमित भाग पर अवश्य पहुँचे।
भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान सेवर, भरतपुर द्वारा सभी किसान भाइयों को अपनी फसल की सुरक्षा के लिए इन निर्देशों का पालन करने और उचित सावधानी बरतने की अपील की गई है।
किसी भी जानकारी या सहायता के लिए नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या स्थानीय कृषि आधिकारी से संपर्क करने कि सलाह दी गई है।
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