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प्याज की खेती करनी है तो किस टाइम शुरू होगा प्रोसेस

Onion Cultivation: खेती से अच्छा लाभ पाने के लिए किसान भाई प्याज की खेती कर सकते हैं.

अच्छी फसल के लिए काली मिट्टी को अच्छा माना जाता है.

 

आप भी जान लीजिए पूरा गणित

किसान भाई प्याज की खेती कर शानदार कमाई कर सकते हैं.

प्याज की खेती कर अच्छा लाभ पाने के लिए किसानों को सही समय, अच्छे मौसम और बढ़िया मिट्टी का विशेष ध्यान रखना होता है.

जिसकी जानकारी नीचे दी गई है. हमारे देश में कई राज्यों में प्याज की खेती की जाती है.

लेकिन महाराष्ट्र में इसकी खेती सबसे ज्यादा होती है. यहां वर्ष में दो बार प्याज की खेती की जाती है.

एक मई और दूसरी नवम्बर के महीने के नजदीक की जाती है.

 

यह है जरुरी

एक्सपर्ट्स की मानें तो रबी सीजन में प्याज की रोपाई करने के लिए 15 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान होना जरूरी है.

साथ ही इसके लिए 650 से 750 एमएम की बारिश भी आवश्यक है.

वहीं, फसल की कटाई करने के समय 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के ऊपर का तापमान होना जरूरी है.

प्याज की खेती करने से पूर्व किसान भाई अच्छे से जमीन तैयार कर लें.

इसकी खेती करने से पहले वह तीन से चार बार जुताई कर लें व मिट्टी में जैविक तत्वों की मात्रा बढ़ाने के लिए खाद डालें.

रोपाई के समय पंक्ति से पंक्ति के बीच के मध्य की दूरी 15 सेमी और पौधों से पौधों के बीच की दूरी 7.5  सेमी होना जरूरी है.

 

इन बातों का रखें खास ध्यान

यदि आप एक एकड़ खेत में प्याज की खेती करना चाह्ते हैं तो आपको 4 से 5 किलो बीजों की आवश्कता होगी.

प्याज रोपाई के बाद 1 से 2 माह के बाद मौसम ठंडा हो जाता है.

इसके खिलने के दौरान तापमान में वृद्धि फसल के लिए अनुकूल मानी जाती है.

बता दें कि प्याज की खेती करने के लिए मिट्टी राज्य के हिसाब से अलग-अलग होती है.

मगर बेहतर फसल और जल निकासी के लिए काली मिट्टी अच्छी मानी जाती है.

काली मिट्टी जैविक उर्वरकों से भरपूर होती है. इस मिट्टी में प्रति हेक्टेयर 40 से 50 टन देसी खाद डालने से पैदावार ज्यादा होती है.

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