KCC Scheme
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) के आंकड़ों के मुताबिक, व्यावसायिक बैंकों के KCC खातों में NPA वित्त वर्ष 2022 में 15.1% था, जो अब घटकर 31 दिसंबर, 2024 तक 14.16% हो गया है.
हाल के वर्षों में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के अंतर्गत कृषि क्षेत्र में लोन व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव देखा गया है.
एक आधिकारिक नोट के अनुसार, विभिन्न बैंकिंग क्षेत्रों में KCC खातों में गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) में गिरावट आई है, जो कृषि क्षेत्र में लोन संस्कृति के गहरे होने और लोन अनुशासन में बढ़त का संकेत है.
KCC के तहत NPA में कमी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) के आंकड़ों के मुताबिक, व्यावसायिक बैंकों के KCC खातों में NPA वित्त वर्ष 2022 में 15.1% था, जो अब घटकर 31 दिसंबर, 2024 तक 14.16% हो गया है.
इसके साथ ही, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों में भी NPA में गिरावट देखी गई है.
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का NPA 9.5% से घटकर 7.1% और सहकारी बैंकों का NPA 6.9% से घटकर 6.5% हो गया है.
यह गिरावट कृषि क्षेत्र में लोन का सही तरीके से वापसी और किसानों की लोन लेने की आदतों में सुधार को बताता है.
KCC की बढ़ती महत्ता
KCC के माध्यम से किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक, और अन्य खेती के लिए सामान खरीदने के लिए समय पर और किफायती ऋण मिल रहा है.
कृषि मंत्रालय के अनुसार, कृषि क्षेत्र में लोन की गहराई बढ़ी है और किसानों की गैर-संस्थागत लोन पर निर्भरता में कमी आई है.
वित्त वर्ष 2022 के अंत में KCC खातों के तहत लोन 9.38 लाख करोड़ रुपये था, जो 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़कर 10.05 लाख करोड़ रुपये हो गया.
KCC धारकों के लिए लाभकारी योजनाएं
कृषि मंत्रालय ने संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS) के तहत KCC धारकों के लिए 7% वार्षिक ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक कृषि लोन की सुविधा दी है.
साथ ही, शीघ्र पुनर्भुगतान पर 3% अतिरिक्त ब्याज सहायता भी मिलती है, जिससे ब्याज की प्रभावी दर 4% हो जाती है.
इस योजना में, कृषि-ऋण सीमा को 2025-26 के लिए बढ़ाकर 5 लाख रुपये सालाना कर दिया गया है.
कृषि-लोन में सुधार के संकेत
अंत में, कृषि मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2026 के लिए 22,600 करोड़ रुपये का बजट MISS योजना के लिए आवंटित किया है.
पिछले 10 वर्षों में KCC ऋणों पर 1.44 लाख करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी जारी की गई है, जिससे यह सिद्ध होता है कि सरकार कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह को बढ़ावा देने और किसानों की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.
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