केंद्र सरकार की यह योजना 18 से 40 वर्ष की आयु के उन किसानों के लिए है, जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये से कम है.
जब किसान की उम्र 60 साल हो जाएगी तो उसके बाद उन्हें हर महीने 3000 रुपये प्रति माह की पेंशन मिलेगी. योजना के लिए वो किसान पात्र होंगे जिनके पास 2 हेक्टेयर तक कृषि योग्य भूमि हो.
छोटे और सीमांत किसानों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के मकसद से केंद्र सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PMKMY) की शुरुआत की गई थी.
इस योजना के तहत किसानों को पेंशन के तौर पर कुछ राशि सरकार की तरफ से दी जाती है.
योजना की शुरुआत 12 सितंबर, 2019 को हुई थी और इसे आप किसानों के लिए वृद्धावस्था पेंशन स्कीम भी कह सकते हैं.
किसान 60 साल की उम्र के बाद एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सके, उसके लिए ही इस स्कीम को लॉन्च किया गया.
क्या है योजना की शर्तें
केंद्र सरकार की यह योजना 18 से 40 वर्ष की आयु के उन किसानों के लिए है, जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये से कम है.
जब किसान की उम्र 60 साल हो जाएगी तो उसके बाद उन्हें हर महीने 3000 रुपये प्रति माह की पेंशन मिलेगी.
योजना के लिए वो किसान पात्र होंगे जिनके पास 2 हेक्टेयर तक कृषि योग्य भूमि हो.
अगर किसान को इस योजना का फायदा लेना है तो फिर उसे किसी और सरकारी पेंशन योजना के तहत कवर नहीं होना चाहिए. साथ ही आधार कार्ड और सेविंग बैंक अकाउंट भी होना जरूरी है.
जीवनसाथी को भी मिलता फायदा
यह योजना स्वैच्छिक और अंशदायी आधार पर है. योग्य किसान 60 साल की उम्र तक हर महीने कुछ अंशदान करते हैं.
60 वर्ष की आयु पूरी होने पर, उन्हें 3,000 रुपये की गारंटीड मंथली पेंशन मिलतर है. केंद्र सरकार किसान के अंशदान के बराबर राशि देती है.
इसका मतलब यह हुआ कि जितने रुपये किसान देते हैं, उतनी ही राशि सरकार भी देती है.
सिर्फ इतना ही नहीं अगर अंशदान करने वाले किसान की मृत्यु हो जाती है तो उसके जीवनसाथी को पेंशन का 50 फीसदी हिस्सा यानी 1,500 रुपये हर महीने मिलते हैं.
अगर कोई कोई अंशदाता 60 साल की उम्र से पहले योजना से बाहर निकलता है तो उसे ब्याज के साथ राशि मिल जाती है.
वहीं अगर उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसका जीवनसाथी योजना जारी रख सकता है या राशि निकाल सकता है.
मान लीजिए अगर अंशदाता और जीवनसाथी दोनों की मृत्यु हो गई तो फिर जमा हुई राशि उस व्यक्ति को दे दी जाएगी जिसे नॉमनी बनाया गया है.
अब तक लाखों किसान जुड़े
पीएम-किसान योजना का फायदा हासिल करने के लिए किसान अपने अंशदान को सीधे ऑटो-डेबिट करने का ऑप्शन भी चुन सकते हैं.
इसके अलावा स्कीम पूरी तरह से पोर्टेबल और सेंट्रलाइज्ड है तो किसान किसी भी राज्य से जुड़ सकते हैं. वहीं इसके पेंशन फंड को एलआईसी मैनेज करती है.
6 अगस्त, 2024 तक, 23.38 लाख से ज्यादा किसान प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई) के तहत रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.
कैसे बनें योजना का हिस्सा
- अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर जाएं.
- आधार, लैंड रिकॉर्ड और बैंक खाते की जानकारी जैसे डॉक्यूमेंट्स जमा करें.
- अपनी आयु के आधार पर अपनी अंशदान योजना चुनें.
- बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ रजिस्ट्रेशन करें.
किसान मदद के लिए अपने राज्य के पीएम-किसान नोडल अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं.
किसानों को इन दामों पर मिलेगी यूरिया, डीएपी, एनपीके सहित अन्य खाद