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मप्र में ओलावृष्टि से खराब फसलों का सात दिन में सर्वे करने के निर्देश

 

सीएम शिवराज बोले-संकट की घड़ी में सरकार किसानों के साथ

 

नुकसान के आकलन के लिए खेतों में उतरा सरकारी अमला, किसानों के बीच पहुंचे प्रभारी मंत्री

 

प्रदेश में ओलावृष्टि से 55 तहसीलों के डेढ़ हजार से ज्यादा गांवों में एक लाख हेक्टेयर से अधिक रबी फसलों को नुकसान पहुंचा है।

कई जगह फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। इससे विचलित सरकार हरकत में आई है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर और कमिश्नरों के साथ ओलावृष्टि की समीक्षा करते हुए स्पष्ट निर्देश्ा दिए।

उन्होंने कहा कि राजस्व परिपत्र पुस्तक (आरबीसी) के प्रविधान के अनुसार राहत राशि के भुगतान की प्रक्रिया दस दिन के अंदर प्रारंभ कर दी जाए।

इधर, प्रभावित फसलों के सर्वे के लिए सरकारी अमला सोमवार से खेतों में उतर गया।

 

बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी ने बताया कि सभी जिलों में सर्वे का काम प्रारंभ कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्वे का पंचनामा बनाकर एक प्रति किसान को भी दी जाए, ताकि उसे संतुष्टि रहे।

सर्वे के लिए संयुक्त दल बनाए जाएं। इसमें राजस्व के साथ कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास सहित अन्य विभाग के अधिकारियों का सहयोग भी लिया जाए।

उधर, राजस्व विभाग ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सर्वे की जानकारी सारा एप पर दर्ज की जाए ताकि किसानों को राहत जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जा सके।

 

प्रभारी मंत्री रखें सर्वे पर नजर

मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने प्रभार के जिलों में नुकसान का सर्वे समय-सीमा में पूरा कराएं।

कोई भी किसान इससे अछूता नहीं रहना चाहिए। किसान पर आए इस संकट की घड़ी में सरकार पूरी तरह से उनके साथ खड़ी है।

उधर, ग्वालियर में प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट सोमवार को भितरवार तहसील के गांवों में पहुंचे।

इस जिले के 74 गांवों में 9800 हेक्टेयर फसल चौपट हुई है। इसी तरह टीकमगढ़ जिले में प्रभारी मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने ओलावृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी ली।

प्रभावित जिलों के कलेक्टर भी फसलों के नुकसान के आकलन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सर्वे जल्द पूरा करने में जुट गए हैं।

 

25 फीसदी बीमा राहत राशि भी जल्द मिलेगी

कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सभी कलेक्टरों को 72 घंटे के भीतर अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके बाद फसल बीमा कंपनी नुकसान के आकलन के आधार पर किसानों को 25 प्रतिशत बीमा राशि उपलब्ध कराएगी।

 

इन जिलों में ज्यादा नुकसान

राजगढ़, विदिशा, डिंडौरी, ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, मुरैना, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, हरदा, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर में ज्यादा नुकसान हुआ है।

राजगढ़ में 85 गांवों में 5500 हेक्टेयर में 50 से 90 फीसद फसलों को नुकसान हुआ है।

राजगढ़ तहसील में 1300 हेक्टेयर में 50 से 90 फीसद तक, खिलचीपुर तहसील में 1 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल को 35 से 50 फीसद और 3500 हेक्टेयर में सरसों की फसल को 50 से 90 फीसद नुकसान हुआ है।

गुना जिले में करीब 270 गांवों में फसलों को नुकसान पहुंचा है।

प्रारंभिक आकलन में धनिया, सरसों, लहसुन, प्याज, कलौंजी की फसलों को नुकसान हुआ है।

रायसेन जिले में करीब चार हजार हेक्टेयर क्षेत्र में तुअर व चना, तो अशोकनगर जिले में 80 गांवों में फसलें प्रभावित हुई हैं।

शाढ़ौरा तहसील के 35 गांवों में धनिया व मसूर में 80 से 100 फीसद तक नुकसान हुआ है।

सागर में ओलावृष्टि से 50 गांवों में फसल तबाह हो गई है। विदिशा जिले के 49 गांवों में चना, मसूर, तुअर की 60 फीसद फसलों को नुकसान हुआ है।

 

ग्वालियर, शि‍वपुरी, भिंड में भारी नुकसान

शिवपुरी में प्रारंभिक आकलन में 97 गांव में हजारों हेक्टेयर फसल का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा कोलारस तहसील प्रभावित हुई है।

बैराड़ व पिछोर में भी कुछ गांवों में ओले से फसल को नुकसान पहुंचा है।

भिंड जिले में दबोह आलमपुर के 20 गांव में 3877 हेक्टेयर में सरसों, मटर और अन्य फसलों को 50 से 70 फीसदी नुकसान हुआ है।

 

मंदसौर में सर्वे पूरा, शासन से मांगे 12 करोड़

मंदसौर जिले में राजस्व टीम ने सर्वे पूरा कर राहत आयुक्त को रिपोर्ट भी भेज दी है।

31 गांवों में 812 किसानों की 4476 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान हुआ हैं।

जिला प्रशासन ने 21 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन कर शासन से मुआवजे के रूप में 11 करोड़ 99 लाख 26 हजार रुपये की मांग की है।

सीतामऊ, सुवासरा व शामगढ़ तहसील में ओलावृष्टि का असर उद्यानिकी फसलों पर ज्यादा हुआ है।

धनिया तो इन गांवों में पूरी तरह नष्ट हो गया है। लहसुन, कलौंजी, मैथी भी ओले से प्रभावित हुई है।

कुछ गांवों में गेहूं, अफीम, सरसों की फसल भी ख्रराब हुई हैं।

 

राहत : महाकोशल-विंध्य में कम हुआ नुकसान

महाकोशल-विंध्य क्षेत्र में बारिश से नुकसान कम हुआ है, लेकिन खुले में रखा धान भीग गया है।

सतना जिले के रामपुर बाघेलान सहित अन्य तहसीलों में खेतों में पानी भर गया है, जिससे दलहनी फसल व सरसों की फसल को नुकसान हुआ है।

जबलपुर, सिवनी, बालाघाट, शहडोल, नरसिंहपुर, दमोह, रीवा समेत अन्य जिलों में भी बारिश से फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।

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