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किसानों की आय में भारी इजाफा कर रहा समन्वित कृषि मॉडल

 

समन्वित कृषि मॉडल

 

आईसीएआर ने 31 ऐसी परियोजनाएं तैयार की हैं, जिनके लिए बैंक से कर्ज लिया जा सकता है.

पिछले तीन साल के दौरान जैविक खेती के लिए भी इसी तरह के 22 मॉडल विकसित किए गए हैं.

 

किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

सरकार का लक्ष्य है कि 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना कर दिया जाए.

ऐसे में समन्वित कृषि का मॉडल आय बढ़ाने का एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

छोटे और सीमांत किसान इस विधि को अपना कर लाभ भी ले रहे हैं. इससे उपज में वृद्धि हो रही है और किसानों की आय बढ़ रही है.

 

हमारे देश में 86 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत हैं. इतनी कम जमीन पर कमाई बहुत कम होती है.

लिहाजा ऐसे परिवारों के लिए गुजर बसर करने में भी मुश्किल आती है.

समन्वित कृषि का मॉडल छोटे और सीमांत किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.

 

ICAR ने तैयार किए हैं 63 मॉडल

इस मॉडल में सिर्फ खेती ही नहीं होती बल्कि कृषि से जुड़े दूसरे व्यवसाय भी शामिल होते हैं.

मिसाल के तौर पर पशु पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन और मधुमक्खी पालन.

इतना ही नहीं, इसमें सिर्फ फसल पर ही संतोष नहीं किया जाता बल्कि सह फशली खेती की जाती है.

लेकिन अलग-अलग कृषि परिस्थितियों वाले भारत में एक ही तरह का समन्वित कृषि मॉडल काम नहीं कर सकता.

 

इसी वजह से अलग-अलग इलाकों में वहां की परिस्थितियों के हिसाब से अलग-अलग मॉडल तैयार किए जाते हैं.

इस काम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) किसानों की मदद कर रहा है.

आईसीएआर की मदद से 63 मॉडल तैयार किए गए हैं.

 

इस तरह के मॉडल में मिट्टी और पानी जैसे प्राकृतिक संशाधनों का बेहतर और टिकाऊ तरीके से इस्तेमाल किया जाता है.

ये ऐसा मॉडल है जो ज्यादा कमाई और ज्यादा रोजगार के अवसर प्रदान करता है.

साथ ही किसान परिवार के लिए पोषण युक्त भोजन का इंतजाम भी करता है.

 

किसान बैंक से ले सकते हैं कर्ज

अभी तक के अनुभवों से पता चलता है कि समन्वित कृषि मॉडल से किसानों की आय में सिर्फ दोगुनी ही नहीं बल्कि तीन गुनी और इससे ज्यादा भी बढ़ गई.

यहीं वजह है कि बिहार, कर्नाटक, केरल, जम्मू-कश्मीर और तमिलनाडु की सरकारों ने इन मॉडल्स को अपनी योजनाओं में शामिल कर लिया है.

 

डीडी किसान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईसीएआर ने 31 ऐसी परियोजनाएं तैयार की हैं, जिनके लिए बैंक से कर्ज लिया जा सकता है.

पिछले तीन साल के दौरान जैविक खेती के लिए भी इसी तरह के 22 मॉडल विकसित किए गए हैं.

इसका मकसद ग्रामीणों किसानों की आय बढ़ाना है और इसमें विशेष ध्यान युवाओं पर दिया जा रहा है.

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