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क्या महंगा होने वाला है प्याज…..?

 

पिछले साल के मुकाबले डबल हुए थोक में दाम

 

खराब बीज, बेमौसम बारिश और ओले की वजह से इस साल प्रति एकड़ तीन टन तक कम है उत्पादकता, महंगा रह सकता है प्याज.

 

रबी सीजन की प्याज खेतों से निकल रही है फिर भी इसका दाम (Onion Price) अभी रिटेल में 25 रुपये प्रति किलो चल रहा है.

सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में इस समय थोक दाम 1100 से 1500 रुपये क्विंटल तक चल रहा है.

जबकि पिछले साल इस वक्त औसतन 400 से 600 रुपये क्विंटल का ही दाम था. इसकी बड़ी वजह उत्पादन में कमी है.

हालांकि, इतने थोक दाम पर भी किसानों को कोई खास फायदा नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि लागत ही करीब 16 रुपये किलो आती है.

 

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महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले ने बताया कि इस साल खराब बीज, लेट बुवाई और बारिश व ओले की वजह से उत्पादन काफी कम हुआ है.

इसलिए दाम में तेजी दिख रही है. हर साल औसतन 16 टन प्रति एकड़ के हिसाब से पैदावार मिलती थी, लेकिन इस बार 10 से 13 टन ही एवरेज मिल रहा है.

ऐसे में 11 से 15 रुपये प्रति किलो का औसत दाम कोई ज्यादा नहीं है.

फसल कम रहेगी तो दाम में वृद्धि तय है.

 

प्याज की लागत कितनी आती है ?

दिघोले के मुताबिक नेशनल हर्टिकल्चर बोर्ड ने 2017 में बताया था कि प्रति किलो प्याज पैदा करने पर 9.34 रुपये की लागत आती है.

चार साल में यह बढ़कर 15 से 16 रुपये किलो तक हो गया होगा. किसान तो अब भी नुकसान में ही हैं. उन्हें न तो अपनी मेहनत का पैसा मिल रहा है और न तो जमीन का किराया.

महाराष्ट्र के नासिक, अहमदनगर, पुणे, धुले, और सोलापुर जिले में इसकी सबसे अधिक खेती होती है. इन सब जगहों पर इस साल उत्पादकता कम हुई है.

 

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किसानों को क्यों नहीं मिलता लाभ ?

सब किसानों (Farmers) के घर पर प्याज रखने की पर्याप्त जगह नहीं है. उन पर इतना आर्थिक दबाव होता है कि वो फसल निकलते ही बाजार (मंडी) में ले जाते हैं.

किसी गांव में 100 किसान हैं तो मुश्किल से 10 के पास ही स्टोरेज का इंतजाम है. सरकार स्टोर बनाने के लिए बहुत कम आर्थिक मदद देती है.

25 टन के स्टोरेज के लिए 4 लाख रुपये लगते हैं. जबकि स्टेट गवर्नमेंट इसके लिए अधिकतम 87,500 रुपये ही देती है.

अगर एक तहसील में 2000 किसानों ने स्टोर के लिए आवेदन किया तो लॉटरी में 100 का नंबर आता है. इसलिए किसान स्टोर के अभाव में सस्ते दाम पर व्यापारियों को फसल बेचने पर मजबूर हो जाते हैं.

 

भारत में प्याज उत्पादन

महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, यूपी, बिहार, गुजरात, कर्नाटक और राजस्थान इसके बड़े उत्पादक हैं.

देश में सालाना प्याज उत्पादन औसतन 2.25 से 2.50 करोड़ मीट्रिक टन के बीच है.

हर साल कम से कम 1.5 करोड़ मीट्रिक टन प्याज बेची जाती है.

करीब 10 से 20 लाख मीट्रिक टन प्याज स्टोरेज के दौरान खराब हो जाती है.

औसतन 35 लाख मीट्रिक टन प्याज एक्सपोर्ट (Export) की जाती है.

2020-21 में इसका उत्पादन (Onion Production) 26.09 मिलियन टन होने का अनुमान है.

इस साल यानी 2020-21 में 15,95,000 हेक्टेयर में इसकी खेती हुई है.

 

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