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मध्य प्रदेश में मसूर का उत्पादन 15 से 25 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद

 

मसूर का उत्पादन

 

मसूर के अग्रणी उत्पादक राज्य-मध्य प्रदेश में चालू रबी सीजन के दौरान न सिर्फ बिजाई क्षेत्र में 10-15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

बल्कि फसल की औसत उपज दर में भी अच्छी बढ़ोत्तरी होने की सम्भावना है।

जिससे इसका कुल उत्पादन गत वर्ष की तुलना में 15 से 25 प्रतिशत के बीच बढ़ने का अनुमान है।

 

क्षेत्रफल 10-15 प्रतिशत तक बढ़ गया

कटनी स्थित एक लोकप्रिय दलहन प्रोसेसिंग फर्म-श्रीधर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के मेनेजिंग डायरेक्टर अरुण सोनी के अनुसार शाजापुर एवं सुजालपुर लाइन में किसानों ने मसूर की खेती में अच्छी दिलचस्पी दिखाई है जिससे क्षेत्रफल 10-15 प्रतिशत तक बढ़ गया है।

वहां मौसम अनुकूल रहने से फसल की हालत बेहतर है। इसी तरह सागर, विदेशा एवं गंजबसौदा लाइन में भी बिजाई बढ़ने एवं मौसम अनुकूल रहने की सूचना मिल रही है।

एक अन्य महत्वपूर्ण उत्पादक बेल्ट पिपरिया, जबलपुर में भी फसल की हालत अच्छी है और सतना, रीवा लाइन में बिजाई बढ़ी है।

कुल मिलाकर उत्पादन क्षेत्र में मोटा (बोल्ड) आने की उम्मीद है जिससे औसत उपज दर के साथ साथ क्वालिटी भी बेहतर होने के आसार हैं।

 

मसूर का भाव

कटनी लाइन में मसूर का भाव 10 दिन पहले तक 7800 रुपए प्रति क्विंटल के ऊंचे स्तर पर चल रहा था जो कल घटकर 7000 रुपए पर आया और आज सुधरकर 7200 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।

जो मिलर्स एवं स्टॉकिस्ट दाम घटने की प्रतीक्षा से लिवाली रोके हुए थे उसने अब माल खरीदना शुरू कर दिया है।

 

दाम निचे नही आएगा

अरुण सोनी का कहना है कि नये माल की जोरदार आवक होने पर भी मसूर का हाजिर बाजार भाव सरकारी समर्थन मूल्य (5500 रुपए प्रति क्विंटल) से नीचे नहीं आएगा जबकि चना का दाम 5000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास रह सकता है।

इस बार चना उत्पादन के मामले में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र से पिछड़कर दुसरे नम्बर पर आ सकता है।

मसूर के नये माल की आवक चना के साथ ही अगले महीने से आरम्भ होने की उम्मीद है।

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