तीन एकड़ में लगाया आम का बगीचा, हर वर्ष 8 से 10 लाख की आय

बगीचे से ही आम तोड़ ले जाते हैं व्यापारी

चार हजार रुपए प्रति क्विंटल तक मिल रहे दाम

बैतूल. जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर ग्राम सोहागपुर के किसान रोमी वर्मा ने करीब 15 वर्ष पूर्व तीन एकड़ में आम का बगीचा लगाया था। इससे उन्हें 8 से 10 लाख रुपए तक की आमदनी हो रही है।

शुरुआत में उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने आवश्यक तकनीकी सहायता और अनुदान भी उपलब्ध कराया।

वर्मा ने हापुस, के सर, चौसा, लंगड़ा, आम्रपाली सहित कई किस्मों के पौधे लगाए हैं। जैसे-जैसे पेड़ बड़े होते गए, उत्पादन भी बढ़ता गया।

किसान रोमी ने बताया कि उन्हें आम बेचने के लिए कभी भी ब्रांडिंग नहीं करनी पड़ी। न ही कहीं बेचने जाना पड़ा। उनके पास स्वयं ही दूर-दूर से किसान आम खरीदने के लिए आते हैं।

उन्होंने बताया कि अमरावती, नागपुर सहित आसपास के जिलों से कई व्यापारी आम खरीदने के लिए आते हैं।

उन्हें 3500 से 4000 रुपए प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से आम बेचते हैं। आम की तुड़ाई भी व्यापारी ही करते हैं।

 

साल में दो बार खाद का कमाल

किसान का कहना है कि आम के पेड़ से तीन वर्ष में ही फल मिलने लगते हैं। साल में काम से कम दो बार खाद डाली जाती है और चार से पांच बार स्प्रे किया जाता है।

अभी अलग-अलग किस्म के आम के 250 पेड़ है। लगभग 300 पौधे और मंगवाए हैं।

 

हल्दी, गन्ने की खेती

किसान रोमी वर्मा के अनुसार आम के साथ ही इंटरक्रॉपिंग की आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए आम के पेड़ों के बीच में हल्दी और गन्ने की फसलें भी लगाई हैं।

इससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी प्राप्त होती है और भूमि का अधिकतम उपयोग भी सुनिश्चित होता है।

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