15 जून के बाद ही मानसून की एंट्री होगी, सात दिन गर्मी और उमस असरदार रहेगी

4 साल बाद समय से पहले मानसून की एंट्री होने की उम्मीद धुल गई है। इस बार भी 15 जून के बाद ही मानसून का मंगल प्रवेश शहर में होगा।

महाराष्ट्र में तय समय से पहले पहुंचा मानसून अब कमजोर हो गया है। यह महाराष्ट्र से ही आगे नहीं बढ़ा। इसी का नतीजा है कि हमारे यहां पिछले तीन दिन से तेज धूप निकल रही है। उमस भी बनी हुई है।

ठंडे मई, नौतपा की भरपाई अब जून में हो रही है। अगले 7 दिन भी सुबह से दोपहर तक तेज धूप का सामना करना पड़ेगा।

हालांकि राहत इतनी रहेगी कि तेज धूप के पीक पर जाने के साथ ही बादल और हवा चलने लगेगी। शहर में कहीं-कहीं लोकल सिस्टम बनने से 5-10 मिनट बारिश होगी।

 

पिछले साल जैसी स्थिति

मई में भले ही जोरदार बारिश हुई हो, आंकड़ों में यह 8.1 इंच तक रिकॉर्ड हुई हो, लेकिन जून में इसका क्रम टूट गया।

बारिश करने वाले सिस्टम कमजोर पड़ गए। नतीजा यह हुआ कि मानसून का जो पारंपरिक सिस्टम है, वैसी ही परिस्थिति बनने लगी है।

जून के शुरुआती 15 दिन तेज गर्मी के रहेंगे। हालांकि ज्यादा गर्मी होने पर कहीं-कहीं हलकी बारिश हो सकती है।

 

नया सिस्टम 12 से बनेगा

मौसम वैज्ञानिक अजय कुमार शुक्ला का कहना है कि अरब साग में बना सिस्टम महाराष्ट्र तक ही सीमित होकर रह गया।

यही वजह है, मालवा में तेज गर्मी, उमस हो रही है। अब बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम बन रहा है, जो 12, 13 जून से सक्रिय होगा।

इंदौर सहित प्रदेश में मानसून की एंट्री इसी सिस्टम से होगी। हमारे यहां 15 जून के बाद ही मानसून घोषित होने की परिस्थिति बनेगी।

 

बारिश नहीं, लेकिन तापमान औसत से कम बना हुआ

पानी भले ही नहीं बरस रहा है, लेकिन मई के बाद जून में भी तापमान औ से कम बना हुआ है। 11 सालों का रिकॉर्ड है कि जून के शुरुआती 101 में पारा 41 से 44 डिग्री तक रहा है।

इस बार 1 से 7 जून तक दिन तापमान औसत से 3-4 डिग्री कम रिकॉर्ड हुआ है। हालांकि उमस के चा लोग पसीनातर हो रहे हैं।

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