केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने 22 जुलाई के दिन लोकसभा में पीएम किसान योजना की पात्रता मानदंड सहित योजना से नए किसानों को जोड़ने और उनकी समस्या और समाधान के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कामों की जानकारी दी।
सभी पात्र किसानों को “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान)” से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं।
इसके लिए सरकार द्वारा समय-समय पर देशव्यापी अभियानों का संचालन किया जाता है।
इस कड़ी में सरकार द्वारा वर्ष 2023 से अब तक कई अभियानों के तहत देश के 1.5 करोड़ से अधिक नए किसानों को योजना से जोड़ा गया है।
22 जुलाई के दिन लोकसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने इस बारे में जानकारी दी।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने बताया कि पीएम-किसान योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसे प्रधानमंत्री द्वारा फरवरी 2019 में कृषि योग्य भूमिधारक किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रारंभ किया गया था।
इस योजना के अंतर्गत, किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की राशि डीबीटी की माध्यम से सीधे बैंक खातों में दी जाती है।
पीएम-किसान योजना के अंतर्गत, योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कृषि योग्य भूमिधारक होना प्राथमिक पात्रता मानदंड है, जो उच्च आय वर्ग से संबंधित कुछ अपवादों के अधीन है।
19 किस्तों में दी गई 3.69 लाख करोड़ की राशि
कृषि राज्य मंत्री ने बताया कि योजना के प्रारंभ से अब तक 19 किस्तों में किसानों को रुपये 3.69 लाख करोड़ से अधिक की धनराशि वितरित की गई है।
पीएम-किसान योजना की 19वीं किश्त 24 फरवरी, 2025 को जारी की गई और 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 23,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ प्राप्त हुआ।
पात्र किसानों को योजना से जोड़ने के लिए चलाए जा रहे हैं सैचुरेशन अभियान
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने बताया कि सभी पात्र किसानों को योजना से जोड़ने के लिए भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों के साथ मिलकर सैचुरेशन अभियान चलाती है।
5 नवंबर 2023 से विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत एक व्यापक राष्ट्रव्यापी सैचुरेशन अभियान आयोजित किया गया, जिसके दौरान 1.0 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम-किसान योजना के अंतर्गत शामिल किया गया।
इसके अतिरिक्त, नई सरकार की 100 दिनों की पहल के तहत, लगभग 25 लाख नए पात्र किसानों को पीएम-किसान योजना के अंतर्गत शामिल किया गया।
इसके अलावा लंबित स्व-पंजीकरण मामलों के निपटान के लिए सितंबर 2024 से एक विशेष अभियान आयोजित किया गया।
अभियान की शुरुआत से अब तक राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा 30 लाख से अधिक लंबित स्व-पंजीकरण मामलों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
इन अभियानों के परिणामस्वरूप, 10 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम-किसान योजना की 19वीं किश्त का लाभ प्राप्त हुआ।
किसान ऑनलाइन देख सकते हैं योजना की जानकारी
कृषि राज्य मंत्री ने बताया कि पीएम-किसान पोर्टल पर एक समर्पित “किसान कॉर्नर” उपलब्ध कराया गया है जहाँ किसानों को अपनी लाभार्थी स्थिति और किस्त भुगतान विवरण देखने सहित कई सुविधाएँ प्रदान की गई हैं।
पोर्टल पर किसानों के लिए अपनी पात्रता और भुगतान स्थिति जानने के लिए एक अतिरिक्त सुविधा, “नो योर स्टेटस” (अपनी स्थिति जानें) भी उपलब्ध है।
किसान अपने स्थानीय कॉमन सर्विस सेंटर पर भी जा सकते हैं जहाँ वे अपनी लाभार्थी स्थिति और किस्त भुगतान विवरण की जाँच कर सकते हैं।
किसान कर सकते हैं किस्त ना मिलने की शिकायत
पीएम-किसान योजना में धनराशि नहीं मिलने से संबंधित समस्याओं सहित किसी भी समस्या के समाधान के लिए एक मज़बूत शिकायत निवारण तंत्र बनाया गया है।
किसानों की शिकायतों के लिए पीएम-किसान पोर्टल पर एक समर्पित शिकायत मॉड्यूल उपलब्ध है।
इन शिकायतों का राज्य/ज़िला स्तर के अधिकारियों द्वारा समयबद्ध तरीके से समाधान किया जाता है।
पीएम-किसान शिकायत मॉड्यूल के अतिरिक्त, किसान केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली पोर्टल के माध्यम से भी अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, योजना के लाभार्थियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए, लाभार्थियों द्वारा उठाए गए सामान्य प्रश्नों और शिकायतों का तुरंत समाधान करने के लिए, एक वॉइस-आधारित पीएम-किसान एआई चैटबॉट (किसान ई-मित्र) विकसित किया गया है।
यह चैटबॉट किसानों के प्रश्नों का चौबीसों घंटे उनकी मातृभाषा में त्वरित, सटीक और स्पष्ट उत्तर प्रदान करता है, जिससे यह प्रणाली अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता-अनुकूल बन जाती है।
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