कल 12 मार्च के दिन मध्य प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपना बजट पेश कर दिया है।
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से यह बजट विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के द्वारा पेश किया गया।
सरकार ने इस वर्ष अपना बजट 4 लाख 21 हज़ार करोड़ रुपए का रखा है जो पिछले वर्ष के बजट से 15 प्रतिशत अधिक है।
बजट में सरकार ने किसानों के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की है वहीं पुरानी योजनाओं को आगे भी जारी रखने के प्रावधान किए हैं।
इस बार मध्य प्रदेश सरकार ने कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों के लिए बजट में वृद्धि की है। इस बार सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए 58 हजार 257 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है जो पिछले वर्ष 2024-25 के बजट से 13 हजार 409 करोड़ रुपये अधिक है।
बजट में गेहूं खरीद पर बोनस, धान की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि, दूध पर बोनस राशि, किसानों को सोलर पम्प कनेक्शन देने के लिए भी घोषणाएँ की गई है।
बजट में किसानों के लिए की गई प्रमुख घोषणाएँ
- सरकार ने बजट में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के लिए 5 हजार 220 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। योजना के तहत पीएम-किसान योजना के लाभार्थी किसान परिवारों को 6 हज़ार रुपये की राशि सालाना दी जाती है।
- मुख्यमंत्री कृषक उन्नति योजना के तहत परंपरागत रूप से एक या दो फसलें ले रहे किसानों को फसल विविधिकरण में परिस्थितिकी संतुलन हेतु सहायक फ़सलें लेने पर राज्य सरकार द्वारा विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- कृषि क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन तथा कीट प्रबंधन जैसे विषयों पर नवीन अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर तथा राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के लिए 40 करोड़ रुपये दिए जाएँगे।
- नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल एंड ऑयलसीड में 183 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है जो पिछले वर्ष से दोगुने से भी अधिक है।
- किसानों को बिजली बिल में सब्सिडी देने के लिए 19 हजार 208 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 2 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- किसानों को सिंचाई के लिए विद्युत चालित कृषि पम्प कनेक्शन के बजाय सोलर पम्प उपलब्ध कराने के लिए “प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना” के तहत 447 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद पर किसानों को बोनस राशि देने के लिए 624 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार ने इस बार गेहूँ की समर्थन मूल्य खरीद पर किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस राशि देने का निर्णय लिया गया है।
- सरकार ने धान की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया है। धान उपार्जन अंतर्गत किसानों को 4 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के मान से प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। धान उपार्जन पर प्रोत्साहन राशि के लिए 850 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए 230 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- प्रदेश में फल फूल एवं सब्जी के उत्पादन के लिए नवीनतम प्रणालियाँ तथा उत्पादों के बेहतर विपणन व मूल्य के लिए खाद्य प्रसंस्करण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। “प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना” के अंतर्गत 4 हजार 416 इकाइयों को लाभान्वित किया गया है।
- “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” योजना अंतर्गत कृषकों को प्रदत्त सिंचाई उपकरणों के माध्यम से पानी के अपव्यय को रोकने के लिए राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
पशुपालन और मछली पालन के लिए की गई घोषणाएँ
- प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए “मुख्यमंत्री डेयरी विकास योजना” शुरू की गई है। दुग्ध उत्पादकों को दूध के उत्पादन और संकलन को बढ़ाने के लिए दुग्ध संकलन पर 5 रुपये प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री डेयरी विकास योजना के तहत 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- “गौ संवर्द्धन एवं पशुओं का संवर्द्धन योजना” के लिए 505 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 105 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- मुख्यमंत्री मछुआ समृद्धि योजना के तहत 145 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
किसानों को दिया जाएगा ब्याज मुक्त ऋण
- प्रदेश में कुल 4 हजार 500 प्राथमिक सहकारी समितियां क्रियाशील हैं। वर्ष 2024-25 में इन समितियों के माध्यम से लगभग 33 लाख किसानों को 19 हजार 895 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त अल्पकालीन ऋण उपलब्ध कराया गया था। इस बार सरकार ने सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान योजना के लिए 694 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
- अब तक राज्य में 69 लाख 63 हज़ार किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए है। प्रदेश में 5 लाख 34 हजार पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए है। वहीं मछली पालकों को 1 लाख 10 से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए का चुके हैं।
अपने बजट में वित्त मंत्री ने बताया कि कृषि एवं सम्बद्ध सेवाओं का वर्ष 2011-12 से वर्ष 2023-24 में राज्य के सकल मूल्य वर्द्धन (जी.वी.ए.) में योगदान 34 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत हो गया है।
इस अवधि में कृषि क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का योगदान 6 प्रतिशत से बढ़कर लगभग साढ़े बारह प्रतिशत हो गया है।
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