MSP 2024 : सरकार ने खरीफ फसलों के समर्थन में की बढ़ोतरी

खरीफ फसलों की बुआई से पहले ही केंद्र सरकार ने किसानों को बढ़ा तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन के लिए 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 19 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए सभी आवश्यक खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दी गई है।

 

अब किसानों को मिलेगा यह भाव

सरकार ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की है, ताकि किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके।

पिछले वर्ष की तुलना में MSP में सबसे अधिक वृद्धि तिलहन और दालों के लिए की गई है।

इसमें सबसे अधिक वृद्धि नाइजरसीड में 983 रुपये प्रति क्विंटल, उसके बाद तिल में 632 रुपये प्रति क्विंटल और तुअर/अरहर 550 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।

 

खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024-25

फसलों की लागत क्या है?

सरकार ने फसलों की लागत में किराए पर लिए गए मानव श्रम, बुलॉक लेबर/मशीन श्रम, पट्टे पर ली गई भूमि के लिए भुगतान किया गया किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई शुल्क, औजारों और कृषिगत निर्माण पर मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सेट आदि के संचालन के लिए डीजल/बिजली, विविध व्यय और पारिवारिक श्रम का अनुमानित मूल्य को शामिल किया है।

 

किसानों को लागत का मिल रहा है डेढ़ गुना मूल्य

सरकार के मुताबिक विपणन सत्र 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय किया गया है।

किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित मार्जिन बाजरा (77 प्रतिशत) के मामले में सबसे अधिक होने का अनुमान है,

उसके बाद तुअर (59 प्रतिशत), मक्का (54 प्रतिशत) और उड़द (52 प्रतिशत) का स्थान है। बाकी फसलों के लिए, किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर मार्जिन 50 प्रतिशत होने का अनुमान है।

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